गूगल क्या है | गूगल कैसे काम करता है |गूगल की कुछ पॉपुलर सर्विस क्या है ?
गूगल क्या है |
आपका
इस ब्लॉग में बहुत बहुत स्वागत है। इस लेख
में
मै आपको बताने वाला
हूँ की गूगल कैसे बना इन्टरनेट की दुनिया का बादशाह | इसके बारे में पूरी जानकारी पाने के लिए इस लेख को अंत तक
जरुर पढ़ें |
आज इन्टरनेट में
गूगल का इस्तेमाल उसी तरह हो रहा है जैसे गाड़ी के लिए पेट्रोल जैसे इंटरनेट की दुनिया में कन्टेन्ट बढ़ता गया, वैसे वैसे कन्टेन्ट की आसान और बेटर सर्च की मांग भी बढ़ती गई।आज इंटरनेट का बहुत ज्यादा प्रयोग
हो रहा है और अगर इंटरनेट से सर्च की फैसिलिटीज समाप्त कर दी जाये तो ये लाचार होकर रह जाएगा और हम इनफॉर्मेटिव कन्टेन्ट सर्च नहीं कर पाएंगे। कन्टेन्ट सर्च के मामले में आज गूगल दुनिया में सबसे आगे और सबसे अधिक पॉपुलर है।
Google Kya Hai
जब
गूगल
इस
फील्ड
में
उतरा सर्च इंजन
और इंटरनेट से संबंधित याहू और एमएसएन यानी माइक्रोसॉफ्ट नेटवर्क इंटरनेट की दुनिया में छाई हुई थी। गूगल बाद में आया और दूसरों से आगे निकल गया। सर्च इंजन
के साथ साथ यूजर्स को दूसरे बहुत सारे बेहतर अनूठी और फैसिलिटीज़ देकर गूगल दिन ब दिन छाता ही चला गया।आज इंटरनेट प्रयोग
करने वालों की जिंदगी में गूगल की भूमिका बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है और इसके बगैर इन्टरनेट अधूरा लगने लगता है। अब लोग इंटरनेट पर सर्च करने की प्रक्रिया को भी गूगल करना कहने लगे
है | जैसे
अगर
किसी
को
कहना
हो
की
ये
चीज़
इंटरनेट
पर
सर्च
कर
लो
तो
अब
वो
कहता
है
ये
चीज़
गूगल
कर
लो।
एक
सर्वे
के
अनुसार
इन्टरनेट
यूजर्स की एक बड़ी संख्या ऐसी है जो गूगल को ही इंटरनेट समझती है।और गूगल को ही इन्टरनेट नहीं मगर ये कहना भी गलत ना होगा कि गूगल इंटरनेट का बादशाह बन चुका है। बुरे मत बनो ये गूगल का अनौपचारिक नारा है।
Google Kya Hai
माउन्टेन कैलिफोर्निया में स्थित गूगल के हेडक्वार्टर को गूगलप्लेक्स कहा जाता यहाँ स्टाफ को काफी आजादी।फैसिलिटीज़ दिए जाते हैं। यहाँ अलग अलग प्रकार की बेहतरीन और फ्री खाने ऐक्सरसाइज के लिए जिम, म्यूज़िकल इंस्ट्रूमेंट, वीडियो गेम्स और तरह तरह की फैसिलिटीज उपलब्ध है। गूगलप्लेक्स ऑफिस कम और खेल का मैदान ज्यादा लगता है।स्टाफ के लिए जरूरी नहीं कि वो बड़े तौर तरीके से काम करें बल्कि जैसे वो कम्फर्टेबल फील करे वैसे वो काम करें। गूगल के स्टाफ को गूगलर्स
कहा जाता है। इसके अलावा नई भर्ती होने वाले स्टाफ को नुगलर्स
कहा जाता है और उन्हें पहले दिन पहनने के लिए पारंपरिक कलर्स वाली एक ऐसी कैब दी जाती है।जिसके ऊपर हेलिकॉप्टर के परों जैसी पैर
होती है।
वैसे इस टाइप को दिन ही पॉपुलर कहा जाता है। और तो और जैसा कि हम सभी जानते हैं कि गूगल ने एक अनोखा काम आरंभ कर रखा है और वो है डूडल्स विभिन्न अवसरों पर गूगल अपने नेम वाले लोगों को अफसरों के हिसाब से बदलकर डूडल्स बनाता है। जैसे 15 अगस्त को भारत के हिसाब से डूडल बनाया।गूगल भारत वाली वेबसाइट पर लगाया।कभी गूगल वेब सर्च इंजन
के तौर पर स्टार्ट हुआ और उसने अपने स्टार्टिंग टाइम में एक छोटे सर्च इंजन
का आइडिया प्रयोग
किया और वो आइडिया था सर्च कीवर्ड्स की सेलिंग
मतलब उन वर्ड्स को बेचना जिन्हें यूजर्सचेन जिनमें लिखकर कन्टेन्ट ढूंढ़ते हैं। इस आइडिया की डिटेल कुछ विभिन्न वेबसाइट्स को कॉल गूगल को एडवर्टाइज देती है और जब कोई उन वर्ड्स से सर्च करता है तो सर्च रिज़ल्ट के शुरू में गूगल वो एडवरटाइज दिखाता है। अगर आपने गौर किया हो तो देखा होगा कि आम तौर पर सर्च रिज़ल्ट के शुरू में और राइट साइड में रिलेटेड ऐड्स होती है। स्टार्टिंग में यही एडवर्टाइज गूगल की आमदनी की सोर्स थी।और अब गूगल कई दूसरे सोर्स से भी कमा
रहा है। लेकिन आज ये तरीका गूगल की आमदनी का बहुत बड़ा स्रोत बन गया है।
Google Kya Hai
1999 में एक वक्त ऐसा भी आया जब गूगल के फाउंडर्स लैरी पेज और सर्जरी ब्रेन को महसूस हुआ कि गूगल उनका बहुत ज्यादा टाइम ले रहा है और इसलिए उनकी एजुकेशनल ऐक्टिविटी प्रभावित हो रही है।लिहाजा उन्होंने गूगल को बेचने का सोचा और एग्ज़िट के चेयरमैन जॉर्ज बिल को $10,00,000 के बदले गूगल को बेचने का प्रस्ताव रखा। मगर बिल ने यह सौदा ठुकरा दिया। इसके कुछ ही दिनों बाद 7 जून 1999 को दो बड़े इन्वेस्टर्स और दो वेंचर कैपिटल फाइनैंसिंग की तरफ से गूगल के लिए 25 मिलियन डॉलर्स की चरणबद्ध इन्वेस्टिंग का ऐलान किया गया।
ये
इन्वेस्ट
इन
गूगल
की
तरक्की
के
लिए
मील
का
पत्थर
साबित
हुई
और
इसके
बाद
उसने
ऐसी
तरक्की
की
पहले
जो
कंपनी
खुद
बिक
रही
थी
वो
अब
दूसरी
कंपनीस
को
खरीदने
लगी।
जिस तरह समुन्दर में बड़ी मछलियां छोटी मछलियों को निगल जाती है।कुछ ऐसा ही इंटरनेट के समुद्र में भी होता आया है। आमतौर पर बड़ी कम्पनीज़ अपने से छोटी कम्पनीज़ को खरीदने की कोशिश करती है।गूगल ने भी कुछ ऐसा ही किया और अभी तक लगभग 150 कम्पनीज़ या उसकी बनाई हुई चीज़ो को अपने अंदर मर्ज कर चुका है।आजकल सर्च इंजन
के बाद गूगल की पॉपुलर सर्विसेज ज्यादातर वही है जिनको किसी जमाने में गूगल ने खरीदा था।गूगल इंटरनेट का बादशाह कहलाता है |
Google Kya Hai
मगर
सोशल
नेटवर्क
के
मामले
में लाख कोशिशों के बावजूद भी दूसरी कम्पनीज़ जैसे फेसबुक, ट्विटर आदि का मुकाबला नहीं कर सका। पहले गूगल ने ऑर्कुट फिर गूगल बल्स
और
बाद
में
गूगल
प्लस
मार्केट
में
आयी
लेकिन
फिर
भी
इस
मामले
में
गूगल
दूसरों
से
पीछे
ही
रहा।गूगल
अपने
यूजर्स
की
कई
प्रकार
की
जानकारी
एकत्रित
करता
है
जिसमें
यूजर्स
की
कंप्यूटर,
मोबाइल
आदि
के
हार्डवेयर
सॉफ्टवेयर
प्लेस
वो
कौनसी
वेबसाइट
अधिकतर
खोलता
है
और
क्या
क्या
सर्च
करता
है।
गूगल
ने
जानकारी
को
एकत्रित
करने
की
वजह
ये
बताता
है
कि
वो
इन
गाइडलाइन
से
यूजर्स
को
बेहतर
सर्विस
देने
की
कोशिश
करता
है।इसके
अलावा
गूगल
जीमेल
की
ईमेल्स
भी
पड़ता
है।
जब
यह
बात
कोर्ट
तक
पहुंची
और
कहा
गया
कि
कोई
भला
ये
कैसे
सहन
कर
सकता
है?
क्या
उसका
लेटर
रास्ते
में
ही
डाकिया
खोलकर
पढ़
लें?
ये
प्राइवेसी
के
विरुद्ध
है
तो
इसके
उत्तर
में
गूगल
का
कहना
था
कि
वो
ईमेल
डाकिया के रूप में नहीं बल्कि आपके सेक्रेटरी के रूप में पड़ता है।ताकि बेकार की इमेज को स्पैम में डाल सकें और आपको बेहतर से बेहतर सर्विस दे पाए।गूगल इंटरनेट से रिलेटेड कई तरह की सर्विस दे रहा है बल्कि ये कॉमन यूजर्स
की आवश्यकता की तकरीबन सभी सुविधाएं फ्री में दे रहा है। इन्हीं फ्री की सुविधाओं में ऐडवर्टाइजमेंट के माध्यम से गूगल का इनकम होता है |
गूगल की कुछ पॉपुलर सर्विस क्या है ?
गूगल
की कुछ पॉपुलर सर्विस क्या
है जिनके
कारण
वो
इंटरनेट
की
दुनिया
का
बादशाह
है।
·
1. सर्च इंजन
गूगल की सबसे पहली और मेन सर्विस सर्च इंजन
है, जिसके माध्यम से इंटरनेट के संबंध में जानकारी खोजी
जाती है। वक्त के साथ साथ इस को बेहतर से बेहतर किया जाता रहा है और लगभग दुनिया की सभी लैंग्वेज में यहाँ सर्च करना मुमकिन हो चुका है।कॉमन सर्च के लिए गूगल सबसे बेहतर तो है ही लेकिन अगर कोई जानकारी केवल न्यूस, बुक्स, ब्लॉग्स या किसी विशेष वेबसाइट में ढूंढ़नी हो तो गूगल इसमें औरों से आगे है। इसके अलावा इमेजेज और वीडियो भी सर्च किया जा सकता है।
· 2. गूगल क्रोम इंटरनेट एक्स्प्लोरर और मोजिला फायरफॉक्स की तरह गूगल क्रोम भी एक ब्राउज़र है जो कि सितंबर 2008 में लॉन्च किया गया और बहुत जल्द मार्केट में अपनी जगह बनाने में कामयाब हो गया।
· 3. जीमेल या ईमेल भेजने और रिसीव करने का काम करता है जो कि अप्रैल 2004 में सामने आई यूनीक फैसिलिटीज़ और ज्यादा स्टोरेज देने की वजह से जीमेल बहुत जल्द पॉपुलर ईमेल सर्विस प्रोवाइडर बन गया। आज भी जीमेल बहुत सारी ऐसी सुविधाएं फ्री दे रहा है।
· 4. गूगल प्लस जनवरी 2004 में गूगल ने सोशल नेटवर्क वेबसाइट और खुद को सामने लाया। ये मशहूर तो हुई लेकिन ज्यादा पॉपुलर नहीं हो पायी फरवरी 2010 में गूगल बर स्टार्ट किया गया, जो तकरीबन 1.75 साल चलने के बाद दिसंबर 2011 में बंद हो गया। इसी बीच जून 2011 में गूगल ने सोशल नेटवर्किंग की वेबसाइट गूगल प्लस लॉन्च किया। स्टार्टिंग टाइम में बहुत सारे यूजर्स फेसबुक छोड़कर उधर चले गए, लेकिन गूगल के ज़ोर लगाने के बावजूद वो बहुत जल्द वापस लौट आए।
· 5. गूगल टॉक हैंगआउट गूगल टॉक अगस्त 2005 में स्टार्ट हुआ। ये मेसेंजर था, जिसके माध्यम से चैट किया जाता था। मई 2012 में जब गूगल प्लस की फसिलिटी है, हैंगउट लाया गया तो गूगल टॉप को उसमें मिला दिया गया। गूगल हैंगआउट से ऑडियो वीडियो चैट होती है। साथ ही साथ इससे दो से अधिक लोग एक साथ वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग भी कर सकते हैं। कॉन्फ्रेन्स को यूट्यूब में सेव और ऑलिव ब्रॉडकास्ट भी किया जा सकता है।
· 6.गूगल ट्रांसलेट ये लेखन को डिफरेंट लैंग्वेज में मशीन के माध्यम से ट्रांसलेट करने की सुविधा है। इसे 2006 में स्टार्ट किया गया था। फर्स्ट में इसमें दो चार लैंग्वेज ही थे मगर अब लगभग 51 लैंग्वेज को एक दूसरे में ट्रांसलेट किया जा सकता है। पूरी गुणवत्ता के साथ ट्रांसलेट नहीं हो पाता लेकिन गूगल का कहना है कि लोग इसे जितना ज्यादा प्रयोग करेंगे ये उतना ही बेहतर होता जाएगा।
· 7. यूट्यूब ये इस टाइम का सबसे ज्यादा पॉपुलर वीडियो शेयरिंग वेबसाइट है, जो की फरवरी 2005 में बनी और अक्टूबर 2006 में गूगल ने इसे खरीद लिया।
· 8. पिकासा वेब ऐल्बम 2002 में बनने वाली पिकासा वेब साइट इमेज शेयर करने, उन्हें कॉन्फ़िगर करनी और उन्हें अनोखे अंदाज में दिखने की वजह से ही पॉपुलर हुईं। गूगल ने इसे जुलाई 2004 में खरीदा। गूगल प्लस बनने के बाद पिकासा को भी उसका एक हिस्सा बना दिया गया।
· 9.गूगल अर्थ यह मैप सीआईए के फंड से चलने वाली कंपनी की होल नाम की कंपनी ने असली मैप्स का एक सॉफ्टवेर के नाम से बनाया था। 2004 में गूगल ने की होल और जियोग्राफी से रिलेटेड एक दूसरी कंपनी भी खरीद ली।फरवरी 2005 में गूगल मैप स्टार्ट हुआ और जून 2005 में अर्थ व्यूअर बढ़ाओ करके उसे गूगल अर्थ के नाम से लॉन्च किया। जोग्राफी से रिलेटेड जानकारी के लिए ये बहुत फेमस है। कंप्यूटर, मोबाइल और गाड़ियों के नैविगेशन सिस्टम तक गूगल मैप से जानकारी लेते हैं।आज तकरीबन दुनिया की हर कोने की फोटो, विभिन्न टाइप के नक्शे और सैटेलाइट तक गूगल अर्थ में मिल जाती है। एक शहर से दूसरे शहर की दूरी का नक्शा देखा जा सकता है।
· 10. गूगल डॉक्स या ड्राइव अगस्त 2005 में स्टार्ट होने वाली सॉफ्टवेयर कंपनी अब स्टार्टेड की बनाई वेब बेस्ट वर्ड प्रोसेसर को गूगल ने खरीदकर अक्टूबर 2006 में गूगल डॉक्स के नाम से लॉन्च किया। इसके माध्यम से अलग अलग टाइप की डॉक्यूमेंट्स क्रिएट किए जाते हैं जैसे कि माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस में किए जाते हैं।जब अप्रैल 2012 में गूगल ड्राइव स्टार्ट किया गया तो गूगल डॉग्स को इसके साथ मिला दिया गया। गूगल ड्राइव कंप्यूटर के हार्डवेयर की ही तरह है। इसमें डेटा ऑनलाइन सेव रखा जाता है। कहीं से भी इंटरनेट के जरिए उसे प्रयोग किया जा सकता है
· 11.ब्लॉगर या ब्लॉक स्पॉट डॉट कॉम ब्लॉग क्रिएट करने की फ्री सर्विस है, जिसको ऑगस्ट 1999 में पारा लैब्ज़ ने स्टार्ट किया था। फरवरी 2003 में गूगल ने इसे खरीद लिया। अब ब्लॉगर और ब्लॉगस्पॉट एक ही सर्विस नाम से जाना जाता है।
· 12. ऐडवर्ड ऐडवर्ड के जरिये गूगल लेता है और फिर से ही एडवर्टाइज अलग अलग वेबसाइट्स को देता है।ऐडसेन्स इस वक्त बहुत मशहूर हैं और हजारों लोग इससे कमाई कर रहे हैं। ऐडसेंस को अप्लाइड सीमेंटिक्स टेक्नोलॉजी ने स्टार्ट किया था लेकिन मार्च 2003 में गूगल ने इसे खरीद लिया था।
· 13.वेबमास्टर टूल्स गूगल एनालिटिक्स ये सर्विस वेबसाइट्स मालिको के लिए फ्री सर्विस है। वेबमास्टर टूल्स से वेबसाइट की स्थिति चेक की जाती है और गूगल ऐनैलिटिक्स से वेबसाइट की ट्रैफिक के बारे में जानकारी ली जाती है।
· एनालिटिक सॉफ्टवेयर कॉर्पोरेशन में स्टार्ट किया था और गूगल ने उसे खरीदकर नवंबर 2005 में लोगों के सामने लाया। स्मार्टफोन का मशहूर ऑपरेटिंग सिस्टम।एन्जॉय भी गूगल का है जो कि उसने अगस्त 2005 में खरीदा था। इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में शायद ही इतनी सारी फ्री सर्विस देने वाली दूसरी कोई कंपनी हो और हमें लगता है इतनी सारी फ्री सर्विस देने के कारण ही गूगल की इंटरनेट की दुनिया में इतनी पॉपुलैरिटी है और इसीलिए आज गूगल इंटरनेट की दुनिया का बादशाह बन गया है।
Google Kya Hai
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