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Quantum Computing Kya Hai

 

Quantum Computing |क्वांटम कंप्यूटर होता क्या है | क्वांटम कंप्यूटर काम कैसे करता है |क्वांटम कंप्यूटर का भविष्य क्या है


Quantum Computing Kya Hai



Quantum Computing Kya Hai


तेजी से विस्तार हो रहा है। इंसानों की जगह अब मशीनें लेने लगीं। एक समय ऐसा भी आया था जब कंप्यूटर के विकास ने तकनीकी के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव किया था। अब आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स ने चिकित्सा से लेकर हथियार तक हर क्षेत्र में कंप्यूटर और रोबोट के इस्तेमाल को एक नया रूप दे दिया है। आज कोई भी क्षेत्र हो चाहे वो शिक्षा का क्षेत्र हो, चाहे स्पेस साइंस सभी जगह पर कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है। जब से कंप्यूटर बना है तब से उसका साइज छोटा होता जा रहा है, लेकिन उसके कार्य करने की क्षमता बढ़ती गई है।

 

 

आपने ये चीज़ देखी होगी कि आपके मोबाइल की चिप जो आज से 10 साल पहले केवल एक जीबी की होती थी, वहीं चिप उतनी ही साइज में आज आपको वन टीबी की मिल रही है। इससे हम यह अंदाजा लगा सकते हैं।टेक्नोलॉजी कंप्यूटर में लगातार प्रति इस क्वांटम कंप्यूटर ट्रडिशनल कंप्यूटर से बिल्कुल अलग होते हैं और विश्लेषकों के अनुसार एक विकसित क्वांटम कंप्यूटर की क्षमता सुपर कंप्यूटर से भी ज्यादा होती है। ऐसा माना जा रहा है कि क्वांटम कंप्यूटर भविष्य का कंप्यूटर है जो कुछ सालों में हमारे घरों और कई तरह के कार्य क्षेत्रों में राज़ करने वाला है।

 

 

ऐसे में यह जरूरी है कि हम सभी को पता होना चाहिए।क्वांटम कंप्यूटर क्या है?और ये आज के कंप्यूटर से अलग कैसे हो सकता है? इस लेख में हम आपको क्वांटम कंप्यूटर से जुड़ी जानकारी मिलेगी |

 

क्वांटम कंप्यूटर होता क्या है?

 

क्वांटम कंप्यूटर एक ऐसी मशीन जो क्वांटम फिजिक्स के आधारों और नियमों का इस्तेमाल कराया  कोई स्टोर करता है और कम्प्यूटेशन परफॉर्म करता है। कंप्यूटर बहुत ही कठिन कामों को चंद मिनटों में सफलतापूर्वक कर सकता है जिससे कि आज के जमाने के कंप्यूटर में हम ऐसा करने की सोच भी नहीं सकते। क्वांटम कंप्यूटर भविष्य का कंप्यूटर है। ये आज के जमाने के कंप्यूटर से बिल्कुल ही अलग है और शक्तिशाली होते हैं। इसके पीछे एक बहुत ही खास वजह है कि मौजूदा कंप्यूटर प्रोग्राम को रन करने तरह की कैलकुलेशन बाइनरी डिजिट का इस्तेमाल करते हैं, |

 

जिससे डेटा को ज़ीरो और वन की भोर में रखा जाता है। हमारे कंप्यूटर में जितनी भी तरह की इन्फॉर्मेशन होती है, कोई नहीं बिट्स के रूप में रहती है।बाइनरी डिजिट का उपयोग मशीन लैंग्वेज में प्रोग्राम लिखने के लिए किया जाता है, जिसके केवल दो वैल्यू होते हैं ज़ीरो और वन, क्योंकि हमारा कंप्यूटर इन्हें बाइनरी डिजिट्स को भी समझता है और उसके हिसाब से कार्य को पूरा करता है। कंप्यूटर के सर्किट में ट्रान्जिस्टरट लगे होते हैं जो इन बिट्स को पहचान लेते हैं और इसे इलेक्ट्रिकल सिग्नल में परिवर्तित कर डेटा को सभी पार्ट्स में भेज देते हैं।

 

कोई भी सॉफ्टवेर जो कंप्यूटर में रन करने के लिए तैयार किया जाता है उसे कंप्यूटर में लोड करने  के बाद प्रोसेसर फिर उसे प्रेमशीन लैंग्वेज में कन्वर्ट करता है। इससे कंप्यूटर उस प्रोग्राम को समझकर टास्क पूरा करता है। क्वांटम कंप्यूटर में बाइनरी डिजिट के जगह पर क्वान्टम डिजिट का इस्तेमाल होता है। क्वान्टम डिजिट को शोर्ट फॉर्म में क्यूबिट्स कहा जाता है। कॉमन कंप्यूटर में इस्तेमाल होने वाले बिट की एक बार में सिर्फ दो ही हो सकती है। या तो एक बिट की वैल्यू एक होगी या ज़ीरो होगी।

 

एक ही समय में तीन या तो एक की वैल्यू या तो फिर ज़ीरो और एक दोनों ही इसका मतलब यह है कि  4 वैल्यू रह सकती है। यही खूबी क्वांटम कंप्यूटर को खास बनाती है  साथ ही इसकी क्षमता और स्पीड भी दूसरे कंप्यूटर्स के मुकाबले ज्यादा होती है। क्वॉन्टम कंप्यूटर आम कंप्यूटर के मुकाबले कॉम्प्लेक्स कैलकुलेशन को भी बड़ी ही आसानी और तेजी से कर सकता है।

 

क्वांटम कंप्यूटर काम कैसे करता है?

 

क्वांटम कंप्यूटर कंप्यूटर चिप के स्थान पर परमाणु एचेप्स का प्रयोग   कैलकुलेशन के लिए करते हैं। कंप्यूटर का ख्याल वैज्ञानिक के दिमाग में उस वक्त आया जब उन्होंने समझा कि परमाणु प्राकृतिक रूप से कॉम्प्लेक्स कैलकुलेटर है। साइंस के अनुसार कोई भी आइटम प्राकृतिक रूप से घूमता रहता है। जिस तरह से एक मैग्नेटिक कम्पॉस में सुई घूमती रहती हैं ठीक उसी तरह ये या तो ऊपर की तरफ होता है या फिर नीचे की तरफ होता है। ये डिजिटल तकनीक के साथ खूब मेल खाता है, जो प्रत्येक डेटा को वन्य ज़ीरो की श्रेणी में प्रस्तुत करता है। किसी आइटम का ऊपर जाने वाला स्पिन एक हो सकता है और नीचे जाने वाला स्पिन ज़ीरो हो सकता है।

 

 

लेकिन अगर आइटम के स्पिन का मापन किया जाए तो ये एक ही समय में ऊपर या नीचे दोनों तरफ हो सकता है। इसी वजह से यह साधारण कंप्यूटर के बराबर नहीं होता  ये कुछ अलग है जिसे वैज्ञानिको  ने इसे क्यूबीट नाम दिया है जो और एक ऐसा कहा जाता कंप्यूटर कैलकुलेशन आज के वर्तमान सुपर कंप्यूटर्स के बराबर होगी और ये आज के सुपर कंप्यूटर से कहीं ज्यादा तेजी से डेटा की गणना कर पाएंगे। क्वांटम कंप्यूटर्स में क्वांटम कंप्यूटिंग का इस्तेमाल किया जाता है जो क्वांटम फिजिक्स के नियमों पर आधारित होता है। क्वांटम कंप्यूटर में जिन क्युबिट्स का उपयोग होता है उनके अंदर इतनी मात्रा में ऊर्जा भरी होती है कि इसे कुशल बनाने के लिए ज्यादातर क्युबिट्स को तापमान में ठंडा करके रखा जाता है क्योंकि अंतरिक्ष के तापमान से भी ठंडा हो जाता है।

 

 अगर इन क्युबिट्स  का तापमान शून्य से भी कम नहीं हुआ तो ये काम कर पाने की स्थिति में नहीं होते हैं। इसलिए क्वांटम कंप्यूटिंग में प्रोग्रामिंग का काम थोड़ा अलग तरीके से होता है, जिसे बनाना बहुत जटिल काम होता है |

 

 

क्वांटम कंप्यूटर का भविष्य क्या है?

 

आज के केस में सदी में पंचम कंप्यूटर को लेकर लोगों की काफी सारी उम्मीदें हैं। जब से कंप्यूटर अस्तित्व में आया है, लगातार शक्तिशाली बनता जा रहा है। इसलिए किसी को तेजी से कार्य करने वाला कंप्यूटर तो चाहिए तो किसी को शक्तिशाली कंप्यूटर चाहिए। हालांकि इस बात का अंदाजा लगाना मुश्किल है कि क्वांटम कंप्यूटर कब तक बनकर तैयार हो जाएगा क्योंकि क्वांटम कंप्यूटर बनाना इतना आसान नहीं है। इसके लिए ऐसे ऐडवान्स टूल्स जटिल एल्गोरिदम की आवश्यकता है जो फिलहाल हमारे पास मौजूद रहीं एक बार क्वांटम कंप्यूटर बन गया है तो यह किसी भी टास्क या एप्लिकेशन को चंद सेकंड में खोल कर के अपना काम करके हमे आउटपुट दे देगा। लेकिन इसके एल्गोरिदम उसको बनाना इतना आसान नहीं है।

 

 

एक तो इसे बनाने में कड़ी मेहनत लगती है और साथ ही इसे बनाने में काफी समय लगता है। इसलिये क्वांटम कंप्यूटर को बनने में कितना समय लगने वाला है ये बताना थोड़ा मुश्किल है। कंप्यूटिंग के ऊपर बहुत सारे वैज्ञानिक शोध कर रहे हैं, जिससे इसे बनाने में काफी मदद मिल सकती है।क्वांटम कंप्यूटर की क्षमता को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यही वजह है कि इसकी संभावना ये पहचान चुकी कंपनियां इस पर अपना पैसा लगा रही है। गूगल, आईपीएल और माइक्रोप्रोसेसर जैसी दिग्गज अमेरिकी कंपनी क्वांटम कंप्यूटर की दिशा में शोध कर रहे हैं।

 

 

भारत सरकार ने भी इस दिशा में शोध को बढ़ावा देने के लिए क्वांटम इन्फ़ॉर्मेशन साइंस नॉलेज का गठन किया।क्वांटम कंप्यूटिंग का क्षेत्र जितना अहम है, उसकी तुलना में इस क्षेत्र में कुशल लोगों की संख्या बहुत कम है। एक अनुमान के मुताबिक दो कंप्यूटिंग शोध कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि क्वांटम कंप्यूटर तकनीक के जरिए हेल्थकेयर कम्युनिकेशन, आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स, डिफेन्स साइन्स, ऐग्रिकल्चर जैसे क्षेत्रों में बहुत से बदलाव लाने की काबिलियत रखता है।

 

 

 

 तो दोस्तों आशा है कि आपको इस लेख में  कंप्यूटर क्या है ?और यह कैसे कार्य करता है? और भविष्य में इसका उपयोग कैसे - कैसे किया जाएगा? हमारा यही उम्मीद रहता है की हमारे लेख के जरिए आपको दिए गए विषय पर पूरी जानकारी प्राप्त हो सके ताकि आपको कहीं और जाना पड़े। इस लेख  से जुड़े कोई भी परेशानी हो तो प्लीज़ नीचे कमेंट में जरूर लिखे ताकि हम आपकी परेशानी को जल्द से जल्द दूर करें |

धन्यवाद |

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