{Stock market}शेयर और स्टॉक में क्या अंतर है | स्टॉक मार्केट या शेयर मार्केट क्या है |स्टॉक एक्स्चेंज क्या होता है?
Stock market Kya Hai
हर कोई अपने पैसे को ग्रो करते हुए देखना चाहता है और ये भी चाहता है की हमारा पैसा हमारे लिए काम करे और तेजी से हमारी वेल्थ को इन्क्रीज़ करें। लेकिन एक बात बताइए उसके लिए क्या आप में थोड़ा रिस्क लेने का ऐटिट्यूड भी है? अगर हाँ, तो आप स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने के बारे में सोच सकते हैं क्योंकि स्टॉक मार्केट या शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करके ज्यादा अर्निंग की जा सकती है। इसके जरिए आप अपनी पसंदीदा कंपनी में पार्टनर बन सकते हैं। इसमें इन्वेस्ट करना वैसे काफी आसान है। बस शुरुआत में बेसिक नॉलेज ले करके इसे कभी भी शुरू किया जा सकता है। स्टॉक्स इन्वेस्टमेंट के जरिए आप लीगली टैक्स फ्री प्रॉफिट ले सकते हैं और इसी स्टॉक मार्केट जर्नी को एन्जॉय करते हुए अपनी वेल्थ को तेजी से बढ़ा सकते हैं।तो क्या आप इंट्रेस्टेड हैं? शेयर मार्केट या स्टॉक मार्केट के।अगर हाँ, तो इस लेख
में
शेयर मार्केट का वो बेसिक कॉन्सेप्ट क्लियर करेंगे |
जिसकी
वजह
से
आप
बार
बार
इन्वेस्ट
करने
से
चूक
जाते
हैं
क्योंकि
इस
मार्केट
को
लेकर
के
जो
डाउट
है
वो
आपको
इन्वेस्ट
करने
से
रोकते
हैं।
इसलिए
इस लेख में 25 बेसिक क्वेश्चन्स के जरिये इस शेयर मार्केट या स्टॉक मार्केट से जुड़ें। क्लियर कर लीजिये और फिर आराम से इन्वेस्टमेंट शुरू करने के बारे में सोचिए।
1.शेयर और स्टॉक में क्या अंतर है?
इसका जवाब है कि ये दोनों टर्म्स इंटरचेंजेबल है लेकिन इस टॉपिक ब्रॉडर टर्म है। शेयर
के कंपैरिजन में स्टॉक्स ज्यादा जनरल टर्म है। शेयर्स की स्मॉल वैल्यू होती है, जबकि स्टॉक्स की सिग्निफिकेंट वैल्यू होती है। शेयर एक कंपनी के स्टॉक के एक पोर्शन को रिप्रजेंट करता है। यानी स्टॉक शेयर्स में डिवाइड होते हैं और इस स्टॉक का हर शेर कंपनी की ओनरशिप का एक पोषण होता है। जैसे कि एक कंपनी ए है जिसके 1,00,000 शेयर्स हैं और एक पर्सन के पास उस कंपनी के 100 शेयर्स है। इसका मतलब हुआ कि उस पर्सन के पास कंपनी एक के टोटल स्टॉक्स कापॉइंट ०.1% स्टॉक पोर्शन है।
2. स्टॉक मार्केट या शेयर मार्केट क्या है ?
तो स्टॉक मार्केट या शेयर मार्केट वो जगह है जहाँ पब्लिक लिस्टेड कंपनी ज़की शेयर्स की ट्रेनिंग होती है।
3. स्टॉक एक्स्चेंज क्या होता है?
स्टॉक एक्स्चेंज वो प्लैटफॉर्म है जो शेयर्स में इन्वेस्ट किया जाता है। यहाँ शेयर्स खरीदे और बेचे जाते हैं।लेकिन स्टॉक एक्स्चेंज पर उन्हीं शेयर्स को खरीदा और बेचा जा सकता है जो वहाँ पर लिस्टेड हैं। इंडिया के दो बड़े स्टॉक एक्स्चेंज इस नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज है। ये दोनों एक्स्चेंज मुंबई में लोकेटेड है।
4.स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्स्चेंज पे क्या डिफरेंस है?
तो स्टॉक मार्केट कंपैरटिव्ली ब्रॉड टर्म है *** सभी कंपनी रेफर करता है जो पब्लिक प्लैटफॉर्म पर अपने को लिस्ट करती है ताकि पब्लिक इन्वेस्टर्स उन्हें खरीद सकें। इसमें प्राइमरी और सेकन्डरी मार्केट्स के अलावा ओटीसी यानी ओवर के काउन्टर ट्रेनिंग, इलेक्ट्रॉनिक ट्रेनिंग और स्टॉक एक्स्चेंज आते हैं। अगर कोई स्टॉक मार्केट में ट्रेड कर रहा है तो इसका मतलब होगा कि वो एक या ज्यादा स्टॉक एक्स्चेंज पर शेयर्स खरीद या बेच रहा है।और ये स्टॉक एक्स्चेंज ओवरऑल स्टॉक मार्केट का एक पार्ट है ।
5. प्राइमरी और सैकंडरी शेयर मार्केट क्या है?
प्राइमरी मार्केट में कंपनीज पहली बार आईपीओ के जरिए ऐसी न्यू स्टॉक्स और बॉन्ड पब्लिक को सेल करती है जो इससे पहले किसी एक्स्चेंज पर ट्रेड ना हुए हो। इस मार्केट में कंपनी पहली बार सेक्युरिटीज़ इश्यू करती है और इन्वेस्टर्स उन्हें खरीदते हैं।ऐसा करने के पीछे कंपनी का पर्पस अपने बिज़नेस पेंशन और डेवलपमेंट जैसे रीजन्स के लिए मनी।होता है। सेकन्डरी मार्केट स्टॉक मार्केट होता है, जो बीएससी और एनएसई को रेफर करता है। जब एक बार सिक्योरिटी एक्सचेंज पर लिस्ट हो जाती है उसके बाद सेकन्डरी मार्केट में ट्रेनिंग के लिए अवेलेबल हो जाती है।
6. सेंसेक्स और निफ्टी क्या है?
सेन्सेक्स ***** यानी स्टॉक एक्स्चेंज सेन्सिटिव इंडेक्स होता है और ये बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का स्टॉक मार्केट इंडेक्स है। जिसमे 30 कम्पनीज़ इन्क्लूड है। किसी कंपनी के सेन्सेक्स ***** पर आने के लिए उसका बीएससी में लिस्टेड होना जरूरी है। निफ्टी यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज 50 नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का स्टॉक मार्केट इंडेक्स है, जिसमें 50 कम्पनीज़ इन्क्लूड है। निफ्टी पर आने के लिए किसी कंपनी का एनएसई पर लिस्टेड होना जरूरी है।
7. मार्केट इंडेक्स क्या होता है?
तो मार्केट इंडेक्स इस स्टॉक एक्स्चेंज का मूवमेंट कैलकुलेट करता है और इस स्टॉक्स बॉन्ड और अदर इन्वेस्टमेंट्स के एक पर्टिकुलर ग्रुप की परफॉर्मेंस को ट्रैक करता है।
8. एक्विटी क्या होती है?
स्टॉक्स और इक्विटी समथिंग होती है जो एक कंपनी में हिस्सेदारी बताती हैं और स्टॉक एक्स्चेंज परेड होती है।
9. स्टॉक होल्डर कौन होते हैं?
ऐसा इन्वेस्टर जिसके पास एक पब्लिक कंपनी के स्टॉक्स है उस कंपनी का स्टॉक होल्डर या शेयर होल्डर कहलाता है। एक कंपनी का शेयर होल्डर उस कंपनी का केवल एक शेर खरीदे तो भी शेयर होल्डर ही कहलाता है।
10. शेयर मार्केट में किस की ट्रेडिंग होती है?
मार्केट में शेयर्स बॉन्ड, म्यूचुअल फंड्स और डेरिवेटिव्स की ट्रेनिंग यानी खरीदना और बेचना होता है। किसी कंपनी की ओनरशिप में मिलने वाला पोरशन टेज एक शेर होता है। बॉन्ड ऐसा लोन होता है जो इन्वेस्टर बोरोवर को देता है। बोरोवर कोई कंपनी या गवर्नमेंट होती है जो इस पैसे का यूज़ अपने ऑपरेशन्स को चलाने में करती है और इन्वेस्टर को अपने इन्वेस्टमेंट पर मिलता है। म्यूचुअल फंड बहुत से इन्वेस्टमेंट का एक मंच है जिसमें इंडीविजुअल इनवेस्टर्स और इन्स्टिट्यूशन्स स्टॉक्स, बॉन्ड और कैश ऐसे ऐसे चीज़ में इन्वेस्ट करते हैं और इन फंड्स को प्रोफेशनली मनी मैनेजर्स ऑपरेट करते हैं। डेरिवेटिव्स में आप आज फिक्स की गई प्राइस पर ट्रेड कर सकते हैं। इसमें आप एक एग्रीमेंट करते हैं जिसमें आप शेयर को एक फिक्स प्राइस पर खरीदना या बेचना चूज कर सकते हैं फ्यूचर्स ऑप्शन्स। फोर्वर्ड इसके एग्जाम्पल्स है।
11.इन्वेस्टर कौन होता है?
जो कंपनी में हिस्सेदारी लेने के लिए उसके स्टॉक्स खरीदता है, वो इन्वेस्टर होता है?
12. इन्वेस्टिंग और ट्रेनिंग में क्या अंतर है?
ट्रेडिग में स्टॉक्स को बहुत कम टाइम के लिए होल्ड किया जाता है।यानी 1 दिन के लिए या एक हफ्ते के लिए और ट्रेडर्स जल्दी जल्दी हाइअर प्रॉफिट्स के लिए शेयर्स को खरीदते और बेचते रहते हैं। और जब इन्वेस्टर अपनी मनी को कुछ सालों या उससे भी ज्यादा टाइम के लिए इन्वेस्ट करेगा तो उसे इन्वेस्टिंग कहा जाता है।
13. स्टॉक ब्रोकर कौन होता है?
स्टॉक ब्रोकर वो फाइनैंशल प्रोफेशनल होता है जो क्लाइंट्स यानी इन्वेस्टर या ट्रेडर के बिहाफ पर स्टॉक मार्केट में स्टॉक्स पहुंचे सौर सेल करता है और इसके बदले में कमीशन लेता है। स्टॉक ब्रोकर ट्रेनिंग प्लैटफॉर्म ऑफर करते हैं और गाइडेंस और एडवाइस भी ऑफर करते हैं। अब स्टॉक्स जिरोधा, आइसीआइसीआइ, शेरखा , एचडीएफसी, सेक्योरिटीज स्टॉक ब्रोकर्स ही है। ये स्टॉक ब्रोकर इन्वेस्टर और स्टॉक एक्स्चेंज के बीच मिडल मैन होते हैं।
14. इंडिया में स्टॉक मार्केट को रेग्युलेट कौन करता है?
सेबी ऐक्सचेन्ज बोर्ड ऑफ इंडिया इंडिया में स्टॉक मार्केट को रेग्युलेट करता है और इसके रूल्स फॉलो नहीं करने वालों को पारिस करने की पावर भी सेबी के पास ही है।
15. स्टॉक मार्केट में इन्वेस्टमेंट स्टार्ट करने के लिए क्या ज़रूरी है?
स्टॉक मार्केट में इन्वेस्टमेंट शुरू करने के लिए बैंक अकाउंट , डीमेट अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और हाँ पैसो की जरूरत होती है।
16. डीमैट और ट्रेनिंग अकाउंट क्या होते हैं?
डीमैट अकाउंट में शेयर्स और सेक्युरिटीज़ इलेक्ट्रॉनिक पर रहते हैं और ट्रेनिंग अकाउंट के जरिए शेयर्स और सेक्युरिटीज़ को खरीदा और बेचा जा सकता है।
17. इंडियन स्टॉक मार्केट में इन्वेस्टमेंट शुरू करने की मिनिमम लिमिट क्या है?
तो ऐसी कोई भी लिमिट नहीं है। आपके पास अगर एक कंपनी के स्टॉक को खरीदने का अमाउंट भी है तो आप उस पे इन्वेस्ट कर सकते हैं। यानी अगर एक स्टॉक 10 से भी कम का है तो आप इतने रुपए से ही इन्वेस्टमेंट शुरू कर सकते हैं।
18. स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग के क्या तरीके होते हैं?
ऑनलाइन
और ऑफलाइन मोड्स के जरिये शेयर्स और
स्टॉक्स ट्रेडिंग की जा सकती है | ऑनलाइन ट्रेडिंग
के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म चूज करके स्टॉक्स ट्रेडिंग
शुरू की जा सकती है और ऑफ़लाइन मोड में आपको ब्रोकर को कॉल करना होगा या ब्रोकर के ऑफिस जा करके बताना होगा कि आप कौन से स्टॉक्स करना चाहते हैं। इसमें ज्यादा टाइम लगता है।
19. मार्केट कैप यानी कैपिटलाइज़ेशन का क्या मतलब है?
तो अगर कंपनी एक ही एक शेयर का प्राइस 50 है और मार्केट में उस कंपनी के टोटल 1000 शेयर्स है तो उस कंपनी ए का मार्केट कैपिटल होगा। प्राइज ऑफ वन शेर मल्टीप्लाईड बी थे। टोटल नम्बर ऑफ शेरज़ यानी 50 इनटू 1000 इस ईक्वल टू 50,000। इसके जरिए एक कंपनी का वैल्यूएशन एस्टीमेट किया जाता है।
20. लार्ज कैप मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनीस क्या है?
सौदे की लार्ज कैप कंपनी का मार्केट कैप 20,000 करोड़ या उससे ज्यादा होता है। ये कम्पनीज़ इंडस्ट्रीज़ को डोमिनेट करती है जैसे रिलायंस इंडस्ट्रीज़ मिडकैप कंपनी का मार्केट कैप 5000 करोड़ से ज्यादा, लेकिन 20,000 करोड़ से कम होता है। जैसे एलआईसी हाउसिंग फाइनैंस और स्मॉलकैप कंपनी का मार्केट कैप 5000 करोड़ से कम होता है। जैसे कि हिंदुस्तान जिंक।
21. लिक्विडिटी क्या होती है?
इसका जवाब है कि एक एसिड को रिज़नेबल प्राइस पर क्विकली कैश में कन्वर्ट कर पाना लिक्विडिटी है।कैश लिक्विड एसिड होता है और स्टॉक्स और बॉन्ड सभी जबकि रियल एस्टेट एंड इक्विपमेंट नॉन लिक्विड एसिड स्टॉक लिक्विडिटी का मतलब होता है कि कितनी तेजी से एक स्टॉक के शहर तेज़ी से खरीदे और बेचे जा सकते हैं और उसके प्राइज पर उसका कोई इम्पैक्ट भी ना पड़े। यानी अगर लिक्विडिटी हाई होती है तो स्टॉक्स खरीदना बेचना एकदम आसान है और अगर लो लिक्विडिटी है तो शेयर सेल करना डिफिकल्ट हो जाता है, जिससे काफी बड़े लॉस भी हो सकते हैं।
22. बेयर मार्केट और बुल मार्केट क्या हैं?
बेयर मार्केट उस पिरियड को रेफर करता है जब शेयर प्राइस लगातार गिरते जाते हैं और इस कंडिशन में शेयर प्राइस कम से कम 20% तक गिर जाते हैं। इस टाइम में लो प्राइज में ज्यादा स्टॉक्स खरीदे जा सकते हैं। बुल मार्केट का मतलब इस स्टॉक्स का प्राइस बढ़ना होता है।इस कंडिशन में इन्वेस्टर अगर बुल मार्केट ट्रेड की शुरुआत में स्टॉक्स खरीद लें और फिर उनका प्राइस पर पहुंचने पर स्टॉक्स को सेल करें तो प्रॉफिट अर्न कर सकता है। ये दोनों कंडिशन्स कभी भी आ सकती है और ये एक दूसरे के अपोज़िट होती है। बुल और बेयर मार्केट कई महीनों से कई सालों तक बने रह सकते हैं।
23. स्टॉक प्राइस कम ज्यादा कैसे होते है?
जब स्टॉक्स की डिमांड सप्लाई से ज्यादा होती है।प्राइस पड़ता है और जब इस स्टॉक की डिमांड सप्लाई से कम होती है तो प्राइस गिर जाता है।
24. स्टॉक मार्केट कैसे काम करता है?
तो एक कंपनी आईपीओ के जरिए प्राइमरी मार्केट लिस्टेड होती है उसके बाद शेयर सेकन्डरी मार्केट | इन्वेस्टर्स इन स्टॉक्स की ट्रेडिंग कर करते है स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड कम्पनीज़ के स्टॉक्स को खरीदने और बेचने का काम स्टॉक ब्रोकर्स या ब्रोकरेज फर्म करती है। ब्रोकर आपके लिए बाय ऑर्डर को स्टॉक एक्स्चेंज को पास करता है, स्टॉक एक्स्चेंज और समशेयर के लिए सेल ऑर्डर सर्च करता है। सेलर और बायर मिलने के बाद ऑर्डर कन्फर्म हो जाता है और ब्रोकर के थ्रू आपको पता चलता है।बाय सीलिंग का ये प्रोसेसेस टी +2 डेज़ में पूरा होता है। इसका मतलब होता है ट्रेड डेट +2 डेस यानी आपकी शेयर्स के डीमेट अकाउंट में टू वर्किंग डेज़ में डिपॉजिट हो जाते हैं।
25.मार्केट में इन्वेस्ट करने से पहले टिप्स क्या हो सकती है?
· 1. स्टॉक मार्केट की किसी भी कंपनी में इन्वेस्ट करने से पहले इन्वेस्टर के बारे में रिसर्च करना चाहिए ।और सफीशियंट नॉलेज लेनी चाहिए।
· 2. स्टॉक्स इन्वेस्टमेंट के रिस्क फैक्टर को सोच समझकर अपनी एज, गोल्ड, कैपिटल और इन्वेस्टमेंट टाइम लाइन के अकॉर्डिंग डिसाइड करना चाहिए और ओवर एक्साइटेड होने की बजाय स्टेबल माइंड से इन्वेस्टमेंट करना चाहिए।
Stock market Kya Hai
तो दोस्तों इसी के साथ स्टॉक मार्केट से रिलेटेड 25 सवाल कंप्लीट हुए और इस
लेख के जरियेआपको स्टॉक मार्केट की बेसिक्स और उनसे जुड़े डाउट जरूर से क्लिअर हुए होंगे। ऐसी हम उम्मीद करते हैं की
इस लेख में आपको पूरी जानकारी प्राप्त हो गई होगी
तो
शेयर
करना
बिल्कुल
ना
भूलें
और
अगर
कोई
सवाल
अभी
भी
है
तो
उसे
लिखकर जरुर भेजिए |
धन्यवाद।