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Start E-commerce Business in Hindi

 


How to Start E-commerce Business in Hindi | ई-कॉमर्स बिजनेस कैसे शुरू करें हिंदी में 



How to Start E-commerce Business in Hindi | ई-कॉमर्स बिजनेस कैसे शुरू करें हिंदी में



कॉमर्स बिज़नेस शुरू करना कोई आसान काम नहीं है यह एक ई कॉमर्स बिज़नेस बहुत सा इतने हार्ड वर्क और कई सारे स्टेप्स को फॉलो करने के बाद ही सक्सेस्स्फुल्ली खड़ा किया जा सकता है।  इस लेख  में हम इन स्टेप्स की बात करेंगे कि कैसे आप एक सक्सेस्स्फुल्ली ई कॉमर्स बिज़नेस शुरू कर सकते हैं। तो बने रहे हमारे इस ब्लॉग पर अंत तक  |

 

 

 

हम ई कॉमर्स बिज़नेस की बात क्यों कर रहे हैं। बिल गेट्स ने एक बार कहा था, अगर आपका बिज़नेस इंटरनेट पर नहीं है तो आपका बिज़नेस बिज़नेस है ही नहीं। अमेज़न ,  फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसे ई कॉमर्स साइट्स ने दिखा दिया है की यही बिज़नेस का फ्यूचर है और क्यों कि इन लोगों ने ई कॉमर्स मार्केट के साथ एक्सपेरिमेंट किया।इसलिए आज ये इतने बड़े साइट्स हैं अगर अब भी आपको इस बिज़नेस में आने के फायदे का पता नहीं चला है तो चलिए कुछ नंबर्स की बात कर लेते हैं।

 

 

 

201718  के इकोनॉमिक सर्वे से पता चला है कि इंडिया में ई कॉमर्स मार्केट का एस्टीमेट 33 मिलियन के आसपास है, जो कि  2016 - 17 की ग्रोथ रेट का 19% से भी ज्यादा है। तो क्या अब आप तैयार हैं अपना ई कॉमर्स बिज़नेस शुरू करने के लिए? तो चलिए अब जान लेते हैं की ई कॉमर्स बिज़नेस शुरू करने के लिए आपको किन स्टेप्स को फॉलो करना होगा।

 

 

 

1. परफेक्ट  बिज़नेस प्लान  और मॉडल तैयार करें। जो चीज़ आपको सबसे पहले करनी है वो ये है कि आपको अपने बिज़नेस मॉडल और प्लान  के बारे में डिटेल से सोचना है। शोपिफाइ के सीईओ ने कहा है कि ई कॉमर्स इंडस्ट्री नहीं है, ये एक पूरी प्लानिंग है, एक टैक्टिक है अब आपके पास दो तरह के बिज़नेस मॉडल के ऑप्शन हैं।या तो आप सिंगल वेंडर स्टोर बनाएँ और या फिर आप मल्टी वेंडर ई कॉमर्स स्टोर भी बना सकते हैं। आप इसे अपने बजट के हिसाब से चुन सकते हैं। सिंगल वेंडर मार्केट प्लेस अगर आपका बजट कम है तो आप सिंगल वेंडर को चुन सकते हैं। इसमें आप किसी एक ही टाइप के प्रोडक्ट्स या सर्विस को अपने ई कॉमर्स साइट पर बेचते हो। एक तो इसमें ऐड्मिनिस्ट्रेटिव कॉस्ट बहुत कम पड़ता है और दूसरा पूरा कंट्रोल आपके हाथ में रहता है

 

 

 

 मल्टी वेंडर मार्केट प्लेस इसमें कई सारे सेलर्स , कई तरह के प्रो़डक्ट एक ही ई कॉमर्स साइट पर भेजते हैं। इसके अपने फायदे हैं। बड़े प्लैटफॉर्म की प्रॉफिट भी बड़े होते हैं।और लोगों को एक ही प्लैटफॉर्म पर अपने यूज़ की सारी चीजें मिल जाती है तो कस्टमर्स भी बढ़ते हैं। इस तरह के बिज़नेस में एक सेक्युरिटी ये भी होती है कि अगर आपका सप्लाइअर किसी भी रीज़न से अनअवेलेबल है तो आपका दूसरा सप्लाइअर कस्टमर को प्रॉडक्ट बेच सकता है, जिससे कस्टमर बने रहे दोनों ही टाइप के मॉडल के अपने फायदे हैं।

 

 

 

 आप अपने हिसाब से चुन सकते हैं। अगर आपको अपना ही प्रॉडक्ट सेल करना है तो आप सिंगल वेंडर स्टोर बना सकते हैं और अगर आप चाहते हैं कि दूसरे लोग आपके स्टोर पर आकर अपना प्रॉडक्ट बेचे तो आप मल्टी वेंडर्स स्टोर क्रीएट कर सकते हैं। पहले टाइप में आप जितना चाहें उतना मार्जिन ले सकते हैं क्योंकि प्रॉडक्ट आपका ही है और दूसरी सिचुएशन में आपको हर सेलर से कमिशन मिलता है।

 

 

 

 2. बिज़नेस को ब्रैंड बनाना अब जब आपने ये डिसाइड कर लिया है कि आपको कौन से मॉडल का ई कॉमर्स बिज़नेस स्टार्ट करना है और अपने प्रोडक्ट्स और सेलर्स की लिस्ट बना ली है।तो अब बारी है बिज़नेस नेम चुनने की आपको अपना बिज़नेस नेम चुनते हुए इस बात का ध्यान रखना है कि आप को एक ब्रैंड का नाम चुनना है। अब आपको नाम चुनते हुए किन किन बातों का ध्यान रखना है, नाम छोटा हो जिसे याद रखने में आसानी हो, आपके बिज़नेस को रिफ्लेक्ट कर रहा हो।यूनीक हो और जिसका किसी दूसरे लैंग्वेज में कोई और मतलब ना हो। जैसे ही आप एक बढ़िया सा नाम चुन लेते हैं, आपको इसके लिए एक लोगो भी डिजाइन करवा लेना है जिसे कंपनी लोगो कहा जाएगा। आप चाहें तो अपने बिज़नेस नेम के फोर्स लेटर से लोगो डिजाइन करवा सकते है

 

 

 

जैसे ऐमज़ॉन , फ्लिपकार्ट का लोगो है। अब जब आपने नाम और लोगो फाइनल कर लिया है तो नेक्स्ट स्टेप है कंपनी के टाइप को फाइनल करना। इंडिया में चार तरह की कंपनियां होती है सोल प्रोपराइटरशिप जिसमें लाइबिलिटी की कोई लिमिटेशन नहीं होती। वन पर्सन कंपनी लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिपजिसे एल बी कहते हैं या फिर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी  अब इनमें से आपको अपने कंपनी का टाइप चुनना है। आप इन्डिपेन्डेन्ट  कंपनी चलाना चाहते हैं या पार्टनर्स के साथ मिलकर इसे से कंपनी का टाइप डिसाइड होगा। ये एक बहुत ही इम्पोर्टेन्ट स्टेप है क्योंकि अगर आप कॉर्पोरेट या पार्ट्नरशिप बेस्ट स्ट्रक्चर चुनते हैं।

 

 

तो आपको एक टैक्स आई डी नंबर लेना होगा और टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा। इस टाइप के ऑनलाइन बिज़नेस में इम्प्लॉयर आइडेंटिफिकेशन नंबर जिसे ईएन कहा जाता है, लेना पड़ता है, जिसके बाद आपको एक बिज़नेस बैंक अकाउंट ओपन करवाना होता है, जिससे आप फाइनैंशल ईयर में बिज़नेस टैक्स भर सकें।लेकिन अगर आप मॉडल को चुनते हैं तो आपको टैक्स आई डी नंबर लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आप अपने सोशल सेक्योरिटी नंबर को यूज़ कर सकते हैं जो आपको रजिस्ट्रेशन के वक्त दी जाएगी।

 

 

3.अपने ई कॉमर्स बिज़नेस को रजिस्टर करवाएं।ये ई कॉमर्स बिज़नेस स्टार्ट करने का सबसे इम्पोर्टेन्ट पार्ट है। सबसे पहले डीएन मतलब की डायरेक्टर्स आइडेंटिफिकेशन नंबर के लिए आपको मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स के ऑनलाइन वेबसाइट पर जाकर फॉर्म भरना  और सारे जरूरी डॉक्यूमेंट्स वहाँ अपलोड करने हैं। इसके लिए आपके पास आपका पैन कार्ड और डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट होना चाहिए। जब आपको आपका डीन मिल जाए तब आप अपने कंपनी के नाम की अवेलेबिलिटी को चेक करने के लिए आरओसी मतलब की रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज में अप्लाई करना है।

 

 

ये काम भी आप मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स की वेबसाइट पर कर सकते हैं। नाम कन्फर्म होने के बाद आपको छे महीने का टाइम दिया जाता है। कंपनी के बाकी प्रोसैस के लिए  इसके बाद भी आपको कई सारी चीजों के लिए अप्लाई करना है, जैसे जीएसटी सर्टिफिकेशन शॉप्स और एस्टैब्लिशमेंट लाइसेंस के लिए प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन से पीएफ ओपन करने के लिए, एंप्लॉयीज़ स्टेट इन्श्योरेन्स कॉर्पोरेशन से एम्प्लोई स्कीम मेडिकल इन्षुरेन्स के लिए और सबसे लास्ट में आपको सर्टिफिकेशन ऑफ कम्पनीज़ इन कॉर्पोरेशन से कम्पनीज़ ऐक्ट 2013 के अंडर कंपनी के ऑफिसियल रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई करना है।स्टेप फ़ोर बैंक अकाउंट ओपन करें एक बार आपकी कंपनी रजिस्टर हो जाये उसके बाद आपको कंपनी के ही नाम से एक बैंक अकाउंट ओपन करवाना है।

 

 

आप अकाउंट किसी भी बैंक में खुलवा सकते हैं। अगर आपने अपने ऑनलाइन बिज़नेस के लिए प्रोपराइटरशिप मॉडल को चुना है तो जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।उसके बाद ही आप कंपनी के नाम से अकाउंट खुलवा सकेंगे। फाइव अपनी ई कॉमर्स वेबसाइट बनाए अब आप 4.अपना वेब साइट दो तरीके से बना सकते हैं। एक तो प्रिय बिल्ड प्लैटफॉर्म की हेल्प से बना सकते हैं और या फिर स्क्रैच प्रोग्रामिंग लैंग्वेज से बनवा भी सकते है। प्री बिल्ड प्लैटफॉर्म पर बिल्ड प्लैटफॉर्म जैसे वर्डप्रेस और विक्स के यूज़ में फायदा यह है कि आपको कई सारे टेम्पलेट्स मिल जाते हैं जिसमें से आप अपनी पसंद का टेम्पलेट चुन कर खुद भी अपना वेबसाइट बना सकते हैं। अगर आपको कोई प्रोग्रामिंग लैंग्वेज नहीं आता है या सिर्फ एचटीएमएल आता है तो स्क्रैच वेबसाइट।वो कॉमर्स शोपिफाइ, ज़ैपो और कार्ट रॉकेट कुछ ऐसे ऑप्शन्स हैं जिससे आप कॉमर्स बिज़नेस बना सकते हैं। अब आपको चुनना है कि आपको किसकी हेल्प से अपना वेबसाइट बनाना है। आपका पूरा बिज़नेस आपकी वेबसाइट पर ही डिपेंड करता है तो आपको बहुत सोच समझकर और अच्छे से अपने वेबसाइट को डिजाइन करना या करवाना है? कंपनी की वेबसाइट लॉन्च करने से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा।

 

 

 

 5.आपको पहले ही ये डिसाइड करना है कि आप अपने वेबसाइट को सेल्फ पोस्ट करेंगे या इसके लिए किसी प्रोफेशनल को हायर करेंगे जो आपकी साइट को डेली बेसिस पर चलाएगा। दूसरी आपको यह देखना है।की डेली आपके वेबसाइट पर जो भी पोस्ट हो रहा है उसमें प्रॉडक्ट और सर्विस की पूरी डिटेल, प्रॉडक्ट की साफ पिक्चर और ऑफर्स के बारे में दिया हो। पेमेंट गेटवे स् आपको अपने ऑनलाइन बिज़नेस को और प्रॉफिटेबल बनाने के लिए इसमें पेमेंट गेटवे सेट करने की जरूरत है।जिसमें हर पॉपुलर पेमेंट मेथड जैसे क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग और कैश ट्रांजैक्शन्स के ऑप्शंस होने चाहिए।

 

 

 

6.कुछ पॉपुलर पेमेंट गेटवे है पेपाल और रेज़र पे अपने ऑनलाइन वेबसाइट पर पेमेंट गेटवे ग्रैन्ड करवाने के लिए आपको कुछ डॉक्यूमेंट सबमिट करने होंगे जैसे बैंक अकाउंट इन द सेम नेम ऑफ बिज़नेस पैन कार्ड ऑफ बिज़नेस सर्टिफिकेट ऑफ इनकॉरपोरेशन मेमोरेंडम ऑफ असोसिएशन, आर्टिकल्स ऑफ असोसिएशन आइडेंटिटी प्रूफ एड्रेस प्रूफ वेबसाइट टर्म्स ऑफ यूज़ वेबसाइट प्राइवेसी पॉलिसी एक बार जब आप के ये सारे डॉक्यूमेंट अप्रूव़ हो जाएंगे तो आप अपने वेबसाइट पर ऑनलाइन पेमेंट स्टार्ट कर सकते हैं।

 

 

 

 7. लॉजिस्टिक्स इन्डिया में एक सक्सेसफुल ई कॉमर्स बिज़नेस के लिए ये स्टेप बहुत जरूरी है। लॉजिस्टिक्स का मतलब किसी कस्टमर को ऑर्डर भेजने के पूरे प्रोसेसर है। यह प्रोसेसेस शिप किए गए सामानों पर भी नजर रखती है जब तक कि वो कस्टमर को मिल ना जाये। इसमें कस्टमर भी अपने प्रॉडक्ट को ट्रैक कर पाता है, जिससे उसे उस वेबसाइट पर भी भरोसा होता है।

 

 

 कस्टमर्स को अपने वेब साइट की तरफ कैसे अट्रैक्ट करे। वॉलमार्ट के सीईओ ने कहा है आप ये एक्ससेप्ट  नहीं कर सकते कि आपके वेब साइट खोलते ही वहा कस्टमर्स की बहार  आ जाएगी।  तो आपको ट्रैफिक क्रिएट करनी होगी। ट्रैफिक क्रिएट करने के लिए कुछ आप फॉलो कर सकते हैं।

 

 

1.एसईओ मार्केटिंग स्मार्ट मार्केटिंग के लिए पूरी दुनिया आज सर्च इंजन  ऑप्टिमाइज़ेशन मतलब कि सीओ की मार्केटिंग स्ट्रैटिजी का यूज़ कर रही है।अगर आप ऑनलाइन कस्टमर्स को अपने ई कॉमर्स बिज़नेस की तरफ अट्रैक्ट कर सकें तो यही आपकी सक्सेस होगी। यहीं पर स्ट्रैटिजीज काम आती है। एसईओ सर्च  चेंजिंग आपको पहले पेज पर लाने में मदद करता है

 

 

2. राइट कीवर्ड चुनें रिपोर्ट के अनुसार हर 1 मिनट में 7,00,000 गूगल सर्च  की जाती है। अगर आप इन सर्च एस में आना चाहते हैं तो आपको टार्गेटेड कीवर्ड का इस्तेमाल करना होगा। अपने ऑनलाइन बिज़नेस को सर्च में लाने के लिए आपको अलग तरह के कीवर्ड का इस्तेमाल करना होगा। गूगल कीवर्ड प्लैनर, गूगल ऑटो सजेस्टकीवर्ड टूल डॉट कीवर्ड डॉमिनेंट जैसे टूल्स आपकी हेल्प कर सकते हैं। 

 

उनकी वर्ड्स का यूज़ करने में जिससे आपका प्रॉडक्ट सर्च  इंजन  में आ जाए।

 

3.  ऐडवर्टाइजमेंट एक दूसरा तरीका है जिससे आप कस्टमर्स के आँखों के सामने आ सकते हो। आप इसके लिए सोशल मीडिया साइट जैसे फेसबुक और इंस्टाग्राम पर रील  ऑप्शन का इस्तेमाल कर सकते हो। एक बार लोगों ने आपके ऐड्स पर क्लिक किया और आपके वेबसाइट पर आ गए, उसके बाद ये आपका काम है उनको अपना परमानेंट कस्टमर बनाए रखना।

 

 

4. टार्गेटिंग एक ऐसा प्रोसेसर है, जिसमें जो लोग एक बार आपके साइट पर आ जाते हैं।और बिना कुछ खरीदे आपकी साइट बंद कर देते हैं। उनके कंप्यूटर पर एक कुकीज  बन जाती है। उसके बाद जब ये कस्टमर किसी और वेबसाइट पर जाते हैं, तब टार्गेटिंग नेटवर्क से उनके स्क्रीन पर आपके वेबसाइट के ऐड दिखते हैं। ये तरीका थोड़ा एक्स्पेन्सिव है लेकिन ज्यादातर इससे पॉज़िटिव रिज़ल्ट देखने को मिलते हैं।

 

 

5, ओल्ड मेथड्स अगर आपके पास ज्यादा रिसोर्सेज़ नहीं है जिससे आप इतने ऑनलाइन प्रमोशन जैसे एक्स्पेन्सिव रूट से कस्टमर्स को अट्रैक्ट कर सको तो आप पुराने मेथड्स का भी इस्तेमाल कर सकते हो। आप पेपर ऐड्वर्टाइज़िंग कर सकते हो। आप अपने कस्टमर्स को कह सकते हो।की वो अपने फ्रेंड्स और फैमिली को आपका  रिकमेंड करें। आप प्रोफेशनल ब्लॉगर्स और यूट्यूबर्स के साथ टाइप कर सकते हो और उन्हें कह सकते हो की वो आपके ब्लॉग  के लिए आर्टिकल लिखे या वीडियो बनाए। इसके अलावा और भी कई सस्ते तरीके हैं जिससे आप अपना बीच बढ़ा सकते हो।

 

 

 

 

 तो दोस्तों।

आज के टाइम में इंडिया में ई कॉमर्स बिज़नेस स्टार्ट करना एक अच्छा आइडिया है। हमें उम्मीद है कि आपको हमारा यह लेख  पसंद आया होगा। हम पूरी कोशिश करते हैं कि आपको एक ही लेख  में पूरी जानकारी दे सकें। अगर इस लेख  से संबंधित आपके कोई सवाल है जो आप हम से पूछना चाहते हैं तो हमें कमेंट करें।हम आपके सभी सवालों के जवाब देंगे  |

 

 

धन्यवाद।

 

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