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Hotspot Kya Hai

 

हर दिन मिलियन्स लोग पब्लिक हॉट स्पॉट से कनेक्ट करके इंटरनेट डेटा का यूज़ करते है और वक्त  पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का और हमारे।इसका एसेंशियल पार्ट बन चुका है।तब भी तो आए दिन हॉटस्पॉट के जरिए अपने दोस्तों और फैमिली मेंबर्स के साथ डेटा शेयर करते रहते हैं। है  लेकिन अगर आप ऐसा नहीं करते हैं या फिर आप नहीं जानते हैं कि हॉट स्पॉट होता क्या है? और यह कैसे काम करता है?, क्या इसके डिफरेंट टाइप्स भी होते हैं? तो हॉट स्पॉट को लेकर के ऐसे कई सारे सवाल आपके मन में भी होंगे जिनके जवाब पाने के लिए आपको यह लेख को ध्यान से पढना होगा।

 

 


What is Hotspot with Full Information in Hindi   | हॉटस्पॉट क्या है ?


 

सबसे पहले जानते हैं कि हॉटस्पॉट क्या होता है?

 

हॉटस्पॉट एक ऐसी स्पेसिफिक लोकेशन होती है जो वायरलेस लोकल एरिया नेटवर्क यानी की डब्ल्यू एन के जरिये इन्टरनेट एक्सेस प्रोवाइड कराती है और इसके जरिए यूजर्स अपने स्मार्ट फोन्स और टेबलेट्स को इंटरनेट से बिना वायर के कनेक्ट कर सकते हैं। यानी हॉट स्पॉट वाइ फाइ का यूज़ करके वायरलेस डिवाइसेस को इन्टरनेट प्रोवाइड कराता है।हॉट स्पॉट प्राइवेट लोकेशन में भी हो सकते हैं और पब्लिक लोकेशन में भी जैसे एअरपोर्ट, कॉफी शॉप्स, हॉस्पिटल्स, लाइब्रेरी, सूपर मार्केट जैसे लोकेशन्स पर कई बार हॉट स्पॉट और वाइ फाइ के बीच डिफरेन्स समझ में नहीं आता है

 

 

इसलिए आज इसे भी हम जान ही लेते हैं। वाइ फाइ वो टेकनीक हैं, जो आपके स्मार्ट फ़ोन या कंप्यूटर को वायरलेस कनेक्शन के थ्रू इंटरनेट एक्सेस अलाउ करती है। ये आपकी इनेबल्ड डिवाइस और डब्ल्यूएपी यानी की वायरलेस एक्सेस पॉइंट के बीच डेटा सेंड और रिसीव करने के लिए रेडियो सिग्नल्स का यूज़ करती है।एक वायरलेस कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी है जो लेन यानी लोकल एरिया नेटवर्क के लिए यूज़ होती हैं। जबकि हॉटस्पॉट वाइ फाइ का यूज़ करके वायरलेस डिवाइस को इंटरनेट प्रोवाइड कराता है।

 

मोबाइल हॉट स्पॉट क्या होता है ?

 

मोबाइल हॉट स्पॉट को पोर्टेबल हॉट स्पॉट भी कहा जाता है और आप अपने लैपटॉप को इंटरनेट से कनेक्ट करने के लिए अपने स्मार्टफोन के डेटा कनेक्शन का यूज़ करके मोबाइल हॉट स्पॉट बना सकते हैं। इस प्रोसेसर को ऑथरिंग कहा जाता है। ये डिवाइसेस सेल्युलर नेटवर्क जैसे की फ़ोर जी या फाइव जी से कनेक्ट होती है और जो डिवाइस है सेल्युलर नेटवर्क से कनेक्ट नहीं हो सकती है, वो वाइ फाइ का यूज़ करके मोबाइल हॉट स्पॉट से कनेक्ट हो सकती है। मोबाइल हॉट स्पॉट आपकी डिवाइसेस और आपकी सेल्युलर नेटवर्क के बीच ब्रिज का काम करते हैं।

 

 

 

हॉट स्पॉट्स की दो टाइप्स स्पोर्ट्स दूसरा तो फ्री वाइ फाइ हॉटस्पॉट सभी यूजर्स को एक ही नेटवर्क से इंटरनेट का यूज़ करने की परमिशन देता है और कमर्शल हॉट स्पॉट में वायरलेस कवरेज के लिए फीस देनी होती है और जब कमर्शल हॉट स्पॉट से कनेक्ट किया जाता है तो यूजर  को लॉगिन इन्फॉर्मेशन या पेमेंट डिटेल्स की रिक्वेस्ट करने वाली स्क्रीन पर रीडायरेक्ट कर दिया जाता है। लेकिन अगर आप ऐसा हॉट स्पॉट चाहते हैं जो हर लोकेशन पर इसके लिए आप पोर्टेबल वाईफाई हॉटस्पॉट का यूज़ कर सकते हैं।

 

 

इस डिवाइस के अंदर एक मोबाइल राउटर होता है और डिवाइस में कोई एडिशनल सॉफ्टवेयर डाउनलोड किए बिना एक साथ कई डिवाइस कनेक्ट करने के लिए इसका यूज़ किया जा सकता है। हॉट स्पॉट की सिक्युरिटी  किए बिना अगर इसका यूज़ किया जाए तो आपकी वर्क लाइफ और पर्सनल लाइफ हैकर्स के चंगुल में फंस सकती है और आपकी आइडेंटिटी चोरी भी हो सकती है। एक अनसिक्यॉर्ड वाइ फाइ कनेक्शन के जरिए मालवेयर डिस्ट्रीब्यूट करना हैकर्स के लिए बहुत ही आसान होता है।इसलिए इससे बचना बहुत जरूरी हो जाता है।तभी तो पब्लिक वाइ फाइ हॉटस्पॉट का यूज़ करते टाइम अपने स्मार्टफोन या लैपटॉप को केवल रिप्यू टेबल प्रोवाइडर्स से ही कनेक्ट करें और पब्लिक वाइ फाइ यूज़ करते टाइम आपको इन सारी बातों का ध्यान जरूर से रखना है।

 

 

पब्लिक नेटवर्क में एंटर होने से पहले अपनी डिवाइस का ब्लूटूथ ऑफ कर दीजिये। अपने डिवाइस पर फाइल शेरिंग स्विच ऑफ कर दीजिये। डिवाइस पर फायरवॉलकरिए अपनी डिवाइस में ऐन्टी मालवेयर सॉफ्टवेयर जिसमें ऐन्टी स्निपिंग प्रोटेक्शन भी हो जरूर रखें। ये वाइ फाइ ऑटो कनेक्टिव सेटिंग्स को टर्न ऑफ कर दीजिये। अगर आप इन बातों का ध्यान रखेंगे तो आपको सिक्योर हॉट स्पॉट फैसिलिटीज मिल सकती है। और अगर पब्लिक वाइ फाइ हॉटस्पॉट को लेकर केससेक्युरिटी क्न्सर्न रखते हैं

 

 

आपको वीपीएन यानी वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क क्रिएट करना चाहिए जिसमें आप एक एन्क्रिप्टेड कनेक्शन के थ्रू इंटरनेट का यूज़ कर सकेंगे। इससे हैकर्स का रिस्क तो बहुत ही कम हो जाएगा लेकिन इंटरनेट एक्सेस की स्पीड स्लो जरूर हो जाएगी क्योंकि आपके ट्रांसमिट डेटा को एन्क्रिप्ट और डिस्क्रिप्टर करने के लिए प्रोसेसिंग पावर की जरूरत पड़ेगी।जिससे स्पीड स्लो हो जाएगी।

 

  फ्री फसिलिटी क्यों दी जाती।आइए आपको बताते हैं बिज़नेस को इस फ्री वाइ फाइ या पब्लिक वाइ फाइ ऑफर देने से ज्यादा कस्टमर्स मिलने लगते हैं और सेल्स भी बढ़ जाती है और फ्री वाइ फाइ ऑफर करने से गवर्नमेंट को ये प्रॉफिट होता है की जीस सिटी में फ्री वाइ फाइ प्रोवाइड किया जाता है। उस सिटी में इकोनॉमिक डेवलपमेंट जॉब क्रिएशन सौर रेवेन्यू जेनरेशन इन्क्रीज़ होने के चान्सेस बढ़ जाते हैं

 

 

 ऑनलाइन लर्निंग करना पॉसिबल हो पाता है और ऐसी जगह पर आने वाले टूरिस्ट की संख्या भी काफी इन्क्रीज़ होती है। तो इतने सारे बेनिफिटस देने वाले इस पब्लिक वाइ फाइ के डिसएडवांटेज की अगर हम बात करें तो इसमें कोई रिलायबिलिटी नहीं होती है। जो एक मेजर सेक्युरिटी इश्यू होता।लो स्पीड होती है और मेन्टेन्स इशूज़ भी होते हैं। हॉट स्पॉट प्रोवाइडर्स ये जानते हैं कि उनके क्लाइंट्स को क्विक सर्विस चाहिए होती है और इसके लिए वो सेक्युरिटी को सैक्रिफ़ाइस भी कर सकते हैं। इसलिए पब्लिक वाइ फाइ यूज़ करते टाइम ऐसी कोई भी साइटों पर नहीं करें जिसे आप सिक्योर रखना चाहते हैं,

 

 

 जैसे बैंकिंग साइट्स, मल्टिपल पासवर्डस् और यू सर नेम्स का यूज़ करें ताकि आपकी कॉन्फिडैंशल इन्फॉर्मेशन से इसी तरह पोर्टेबल हॉट स्पॉट पर फ्री लोडर्स इश्यू हो सकता है।तो सिक्योर पोर्टेबल डिवाइस का यूज़ करना चाहिए, जिसमें डेटा एन्क्रिप्शन के साथ प्रॉपर सेक्युरिटी मिल सके और हैकर्स के लिए उस तक पहुँच पाना आसान नहीं हो सकता है |

 

 

 तो दोस्तों इस तरह आप अपने डेटा को सिक्योर रख सकते हैं और हॉट स्पॉट का सही तरह से यूज़ कर सकते हैं। आपको ये जानकारी कैसे लगी? कमेन्ट  बॉक्स में लिख करके जरूर बताइए गा आगे कोई आपका सवाल है तो प्लीज़ बताइयेगा। 

धन्यवाद।

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