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internet service provider Kya Hai

 internet service provider Kya Hai | कैसे काम करता है | कितने प्रकार का होता है -



internet service provider Kya Hai


internet service provider Kya Hai 


हमारे इस ब्लॉग में आप का स्वागत है |  आज के इस लेख  में हम आपको सर्विस प्रोवाइडर के बारे में बताने वाले हैं। जब एक कस्टमर किसी दुकान या ऑनलाइन वेबसाइट से कोई प्रॉडक्ट खरीदता है तो उसके बदले में उस प्रॉडक्ट की कंपनी कस्टमर को जरूरत के समय सेवा प्रदान करने का वादा करती है। ये सेवा किसी भी तरह की हो सकती है।जैसे प्रॉडक्ट के खराब होने पर उसे मरम्मत करना, प्रॉडक्ट को इस्तेमाल करने के लिए गाइड करना या कभी प्रॉडक्ट का इस्तेमाल करते वक्त कोई दिक्कत आयी तो उसे सरलता से संभालना। ये सारे काम सर्विस प्रोवाइडर का होता है।

 

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 उसी तरह जब हम इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं तब इंटरनेट के सर्विस प्रोवाइडर हमें अलग अलग तरह से सेवा प्रदान करते हैं। इन्टरनेट के साथ जुड़े रहने के लिए हमारे पासआइएसबी का ऐक्सेस होना जरूरी है जो हमें इन्टरनेट प्रदान करता है। हम सभी को अपने स्मार्ट फ़ोन और कंप्यूटर मैं इंटरनेट चलाने के लिए किसी ना किसी नेटवर्क प्रोवाइडर की आवश्यकता होती है।

 

 

 जैसे की हम अपने फ़ोन में इंटरनेट चलाने के लिए आइडिया, वोडाफोन, एयरटेल, जिओ आदि में से किसी एक सिम का उपयोग करते हैं। हम जीस कंपनी के सिम का उपयोग कर इंटरनेट चलाते हैं।वही कंपनी हमारा आई एस पी यानी इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर होता है।पूरी दुनिया में 17 तरह के सर्विस प्रोवाइडर मौजूद है। लेकिन हम यहाँ पर आपको इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर के बारे में जानकारी देने वाले की आईएसपी क्या है और ये कैसे काम करता है?

 

आईएसपी क्या है?

 

 सबसे पहले जानेगे आईएसपी क्या है? आईएसपी का फुल फॉर्म है इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर जिसे हिंदी में अन्तर्जाल सेवा प्रदाता भी कहा जाता है।आइएसपी  एक ऐसी संस्था या कंपनी को कहते हैं जो लोगों और छोटे बड़े सभी ऑर्गनाइजेशन्स को इंटरनेट की सुविधा देने का काम करते हैं। चाहे हम घर पर हो, ऑफिस में हो या सफर कर रहे हो। हर बार जब हम इंटरनेट से जुड़ते हैं,

 

 

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तब इंटरनेट के साथ हमारी डिवाइस का कनेक्शन एक आईएसपी के माध्यम से जुड़ता है। एक इन्टरनेट पर यूजर के लिए गेटवे यानी प्रवेश द्वार प्रदान करता है। आईएसपी इन्टरनेट के साथ साथ कई अन्य सर्विसेज भी प्रदान करते हैं जैसे होस्टिंग, डोमेन नेम रजिस्ट्रेशन, मेल सर्विस एस फाइल ट्रांसफर इत्यादि।

 

 

 

 किसी अन्य कंपनी की तरह ही इंटरनेट सेवा प्रदाता अपनी सेवाओं के लिए यूजर  से पैसे लेते हैं। आई एस पी यूजर  से दो प्रकार का शुल्क लेती है।पहला इन्टरनेट प्रदान करने के लिए और दूसरा इंटरनेट कनेक्शन देने के लिए जैसे की ब्रॉडबैंड यूज सको। इंटरनेट कनेक्शन लेने और इंटरनेट प्रयोग करने का शुल्क आईएसपी को देना पड़ता है। ये शुल्क भी यूजर  से समयावधि, दूरी, गति और डेटा डाउनलोड या अपलोड की मात्रा के अनुसार लिया जाता है।

 

 

इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स अलग अलग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके लोगों को इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध करवातें हैं।मॉडर्न डायल अप इंटरनेट, ऐक्सिस डीएसएल, केबल इंटरनेट, वायरलेस ब्रॉडबैंड, वाइ फाइ, इन्टरनेट  जैसे टेक्नोलॉजी का उपयोग कर लोगों तक इंटरनेट पहुंचाया जाता है। इन सभी टेक्नोलॉजी का उपयोग अपने यूजर  के डिमांड के अनुसार करते हैं, जैसे की छोटे या कम एरिया के अंदर इन्टरनेट की सेवा प्रदान करने के लिए डीएसएल केवल मोड और वाइ फाइ इंटरनेट की मदद लेते हैं, जिन्हें बड़े पैमाने या बिज़नेस के लिए इंटरनेट की आवश्यकता होती है।उन्हें इथरनेट, मेट्रोपॉलिटन, इथरनेट, और फ्रेम रिले जैसे माध्यम से इंटरनेट प्रदान करते हैं,

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ये आई एस पी है जो यूजर को  इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए सक्षम बनाते हैं अगर आपके पास एक कंप्यूटर है जिसके साथ नेटवर्किंग के लिए एक राउटर  लगा हुआ है, लेकिन अगर आपका नेटवर्क आईएसपी के साथ कनेक्ट नहीं हैं, तो आपके डिवाइस के साथ इंटरनेट से कनेक्शन नहीं होगा। इसीलिए किसी भी माध्यम को आईएसपी के साथ कनेक्ट होकर रहना ही पड़ेगा तभी इंटरनेट प्रदान किया जा सकता है। और अब हम जानेगे की आईएसपी को कितने कैटेगरी में बांटा गया है?

 

आईएसपी को कितने कैटेगरी में बांटा गया है?

 

इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर को तीन कैटेगरी में बांटा गया है, जिन्हें टाइर वन, टाइर टू और टियर थ्री कहा जाता है। सबसे पहले जानते हैं।टाइर वन के बारे में टाइर वन आईएसपी टाइर वन आईएसपी अन्य आईएसपी की तुलना में सबसे बड़ी आईएसपी कंपनी होती है जो विभिन्न देशों को इंटरनेट से जोड़ने का कार्य करती है। ये कंपनियां समुद्र के अंदर सीलिंग केबल बिछाकर सभी देशों के बीच इन्टरनेट प्रदान करने का कार्य करती है। इन्टरनेट यूजर  इन्टरनेट का इस्तेमाल करने का जो भुगतान भरता है।

 

 

उसका सबसे ज्यादा हिस्सा इस टाइर फर्स्ट कंपनी को जाता है। दूसरा है टाइर टु कीप टाइर टु आईएसपी कंपनी टाइर वन की तुलना में छोटी कंपनी होती है। जब टाइर फर्स्ट कंपनी इंटरनेट का कनेक्शन समुद्र के जरिये देश तक लाती है, तब टाइर टू कंपनी उस इंटरनेट कनेक् शन को देश के विभिन्न राज्यों और शहरों तक पहुंचाने का कार्य करती है।इसका मतलब है ये टाइर वन कंपनी अलग अलग देशों तक इंटरनेट पहुंचाने का कार्य करती है और टाइर टू कंपनी देश के राज्यों तक इंटरनेट पहुंचाने का कार्य करती है। तीसरा है टाइर थ्री आई एस पी  ये सबसे छोटा आईएसपी होता है, जो शहर के इन्टरनेट छोटे बड़े अंदर ब्लॉक, कॉलोनी और घरों तक इंटरनेट कनेक्शन प्रदान करने का कार्य करते हैं।टायर थ्री आई एस पी कंपनी टाइर टू एसपी से कनेक्शन लेकर घरों तक इंटरनेट कनेक्शन प्रदान करते हैं। और अब हम जानेगे की काम कैसे करता है?

 

काम कैसे करता है?

 

इंटरनेट की सबसे खास बात यह है कि इसका मालिक कोई नहीं है। इन्टरनेट छोटे बड़े बहुत सारे नेटवर्क का ग्लोबल कलेक्शन है जहाँ पर सभी नेटवर्क किसी ना किसी तरीके से एक साथ जुड़े हुए होते हैं और यही नेटवर्क दुनिया भर के कंप्यूटर्स को आपस में कनेक्ट करते हैं। सभी कंप्यूटर जो इंटरनेट से जुड़े रहते हैं वो इस नेटवर्क का एक हिस्सा बन जाते हैं।असल में इंटरनेट एक बहुत बड़ा जाल होता है एंट्री कनेक्टेड नेटवर्कस् का, जिसे कंप्यूटर की भाषा में ट्रांसमिशन मीडिया बोला जाता है।

 

 

ये जाल एक होता है जिसमें इन्फॉर्मेशन और डेटा दुनिया भर में घूमता रहता है। दुनिया के कोने कोने तक इंटरनेट की सुविधा पहुंचाने के लिए बहुत से हाई बैंडविथ डेटा लाइन्स का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे इंटरनेट काबैकबोन भी कहा जाता है। इन लाइन्स को कनेक्ट किया जाता है। अलग अलग लोकेशन में मौजूद मेजर इन्टरनेट के साथ और यही हब्स डेटा को अलग अलग लोकेशन पर डिस्ट्रीब्यूट करते हैं। इन्टरनेट हब्स को ही आईएसपी कहा जाता है। ज़्यादातर आइएसपीएस एक केबल डीएसएल या फाइबर कनेक्शन के जरिये ब्रॉडबैंड इंटरनेट एक्सेस प्रदान करते हैं।

 

 

जैसे अगर आपके घर में कंप्यूटर के साथ राउटर  लगा हुआ है इंटरनेट की सेवा प्रदान करने के लिए तो वो राउटर  भी एक आईएसपी के साथ कनेक्ट होकर ही इन्टरनेट प्रदान करता है। आपके ऑफिस में आपका कंप्यूटर कंपनी के वाइ फाइ से जुड़ा है तब भी आपकी कंपनी का किसी ना किसी आईएसपी के साथ कॉन्ट्रैक्ट होता है, तब भी इंटरनेट की सेवा आपको मिल रही होती है।उसी तरह जब आप एक पब्लिक वाइ फाइ सिग्नल के माध्यम से इंटरनेट यूज़ करते है तब वहाँ पर भी वाइ फाइ एक आईएसपी के साथ कनेक्टेड होता है। आपको इंटरनेट प्रदान करने के लिए सेल्युलर डेटा टॉवर्स भी किसी न किसी आईएसपी से जुड़ा होता है।

 

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 स्मार्टफोन्स में नेटवर्क के जरिए इंटरनेट प्रदान करने के लिए आज के समय में अधिकतर आईएसपी कंपनी केवल द्वारा लोगों तक इंटरनेट पहुंचते हैं। वहीं अब कुछ कंपनियां धीरे धीरे वायरलेस इंटरनेट सर्विस की भी शुरुआत कर चूके हैं। आईएसपी वाइड मीडियम के अलावा वायरलेस नेटवर्किंग सिस्टम से भी इंटरनेट सेवा प्रदान करते हैं। पहले जब केबल सिस्टम द्वारा लोगों को इंटरनेट की सेवा प्रदान की जाती थी तो इसके लिए नेटवर्क प्रोवाइडर कंपनी को पूरे एरिया में वायर बिछाने पड़ते थे।

 

 

लेकिन वायरलेस मीडियम की शुरुआत होने के बाद सिर्फ टॉवर और सैटेलाइट की मदद से लोगों तक इंटरनेट पहुंचाया। आईएसपी की मदद से आज दुनिया के हर कोने में हर व्यक्ति तक इंटरनेट की पहुँच बन सकी है। आज टेक्नोलॉजी के आगे बढ़ने की वजह से कंपनियों के बीच कॉम्पिटिशन बढ़ गया है, जिसकी वजह से आम लोगों को इंटरनेट की सेवा काफी सस्ते दामों में मिल रही है।एक तरह से इन्हीं आईएसपी कंपनियों ने ही पूरी दुनिया को इंटरनेट से जोड़ रखा है, जिनकी वजह से हम घर बैठे ही सारी जानकारी प्राप्त कर पाते हैं और दूर तक रह रहे हैं। दोस्तों और परिवारवालों से जुड़ पाते हैं

 

 

 

 

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 तो दोस्तों आशा है कि आपको इस इस लेख से आईएसपी क्या है? और यह कैसे काम करता है? इससे जुड़ी सारी जानकारी आपको मिल गयी होगी। मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है।ये हमारे लेख  के जरिए आपको दिए गए विषय पर पूरी जानकारी प्राप्त हो सके ताकि आपको कहीं और जाना पड़े। इस लेख  से जुड़ी कोई भी परेशानी हो तो आप हमें नीचे कमेंट में जरूर बताएं ताकि हम आपकी परेशानी को जल्द से जल्द दूर कर सकें।

धन्यवाद |

 

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