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cyber security Kya Hai

 

cyber security Kya Hai | साइबर सेक्युरिटी होता क्या है  | साइबर अटैक या साइबर क्राइम कितने प्रकार के होते हैं?


cyber security Kya Hai



साइबर सेक्युरिटी  क्या है ?

टेक्नोलॉजी के बढ़ने से आज लगभग हर फील्ड में कंप्यूटर और इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा रहा है। आज के टाइम में हमारा हर काम इंटरनेट के जरिए ही किया जाता है। फिर चाहे वह सरकारी कंपनी का कामकाज हो या फिर प्राइवेट कंपनी का  पैसों का लेनदेन भी ऑनलाइन ही किया जाता है। यानी की हर प्रकार के डेटा का आदान प्रदान किसी किसी रूप में इन्टरनेट पर हो रहा है और यूजर्स  की  डिवाइस जैसे की कंप्यूटर, लैपटॉप, टैबलेट, मोबाइल फ़ोन या दूसरी सभी स्मार्ट डिवाइसेस इंटरनेट पर कनेक्ट होकर रहती है |

 

 

जिससे स्तर पर इंटरनेट का इस्तेमाल पूरी दुनिया में किया जा रहा है और प्रतिदिन लाखों करोड़ों यूजर्स इसका इस्तेमाल करते हैं तो ऐसे में बहुत जरूरी है कि इंटरनेट पर यूजर्स  सिक्युरिटी पर भी ध्यान दिया जाए।क्योंकि आए दिन इंटरनेट पर फ्रॉड है होती रहती है। इसीलिए यूजर्स के डेटा को सेक्युरिटी प्रदान करना बहुत ही ज्यादा जरूरी हो गया है। इन्टरनेट के यूजर्स को साइबर क्राइम से बचाने के लिए साइबर सेक्युरिटी का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें यूजर के डेटा को सुरक्षा प्रदान की जाती है। साइबर सिक्युरिटी के बारे में तो आप सभी ने जरूर सुना होगा, लेकिन शायद इसके बारे में आपको पूरी जानकारी होगी।  इस लेख  में हम आपको साइबर सेक्युरिटी क्या है? साइबर अटैक कितने प्रकार के होते हैं और इसका इस्तेमाल करने के क्या लाभ होते हैं इससे जुड़ी सारी जानकारी आप को इस लेख दिया गया है | साइबर सिक्योरिटी के बारे में जानने के लिए इस लेख  को पूरा जरूर पढ़ें ।

 

 

साइबर सेक्युरिटी होता क्या है ?

 

 

साइबर सेक्युरिटी एक तरह की सुरक्षा है जो इंटरनेट से जुड़े हुए सिस्टम के लिए होती है। साइबर सेक्युरिटी दो शब्दों से बना है पहला है साइबर और दूसरा है सिक्योरिटी  तो जो कुछ भी इन्टरनेट इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, कंप्यूटर नेटवर्क से ऐप्लिकेशन या डेटा से संबंधित है, उसे हम साइबर कहते हैं, जबकि सेक्युरिटी सुरक्षा से संबंधित है जिसमें सिस्टम सेक्युरिटी नेटवर्क, सिक्योरिटी और ऐप्लिकेशन और इंफॉर्मेशन सिक्युरिटी शामिल हैं। साइबर सिक्युरिटी मजबूत करने के लिए इंटरनेट के माध्यम से हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के डेटा को और भी सेक्युर बनाया जाता है, जिससे कि किसी भी तरह से डेटा की चोरी ना हो और सभी डॉक्यूमेंट्स और फाइल सुरक्षित रहें।

 

 

आज पूरी दुनिया में साइबर क्राइम को रोकने के लिए साइबर सुरक्षा की जा रही है।साइबर सिक्युरिटी के आधार पर कोई भी ऑर्गेनाइजेशन या कोई भी यूजर्स  अपने महत्वपूर्ण डेटा को हैकर्स बिना।

 

 

 परमिशन के इलेक्ट्रॉनिक रूल्स की मदद से यूजर्स  या ऑर्गेनाइजेशन के कंप्यूटर को ऐक्सेस कर लेते हैं, फिर जरूरी फाइल्स और डेटा की चोरी करते हैं और उसके बदले पैसे की मांग करते हैं। इन्टरनेट का उपयोग करके किसी भी तरह के क्राइम को करना साइबर क्राइम कहा जाता है और जो ये क्राइम करते हैं उन्हें अनएथिकल हैकर्स कहा जाता है। इसका मतलब है कि इंटरनेट का गलत तरीके से इस्तेमाल करके किसी को नुकसान पहुंचाना या इंटरनेट के माध्यम से होने वाले अपराधों को साइबर क्राइम कहा जाता है।

 

 

साइबर क्रिमिनल्स या हैकर्स कंप्यूटर और इंटरनेट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं। यूज़र्स की पर्सनल इंफॉर्मेशन, बिज़नेस से जुड़ी बहुत सारी चीज़े ऐसे सारे महत्वपूर्ण डेटा को ऐक्सेस करने के लिए और साथ ही ये इन्टरनेट का भी खतरनाक इस्तेमाल करते हैं।कई तरह के मालिशियस सॉफ्टवेयर को बनाने के लिए तो साइबर क्राइम के अंतर्गत ब्लैकमेलिंग, स्टॉकिंग, कॉपीराइट, क्रेडिट कार्ड की चोरी, फ्रॉड आदि आते हैं। ऐसे हैकर्स और साइबर क्राइम से इंटरनेट यूजर्स के डेटा को बचाने के लिए साइबर सिक्योरिटी को बनाया गया है। साइबर सिक्योरिटी के लिए कंप्यूटर और इंटरनेट के एक्स्पर्ट होते हैं जिनके द्वारा साइबर सुरक्षा की जाती है।साइबर सेक्युरिटी का मतलब है कि हमारी ऑनलाइन रखी गई फाइल, मोबाइल डेटा हमारी ऑनलाइन दी गई सारी जानकारियां सुरक्षित होनी चाहिए। इसके अलावा नेटवर्क और ऐप्लिकेशन भी सुरक्षित होना चाहिए।

 

साइबर अटैक या साइबर क्राइम कितने प्रकार के होते हैं?

 

आज हम देख रहे हैं की दुनिया इंटरनेट में इस तरीके से डूब चुकी है की वो हर कामइंटरनेट के माध्यम से ही कर रही है। अधिकांश कम्पनीज़ आज कंप्यूटर डेटाबेस पर ज्यादा से ज्यादा इन्फॉर्मेशन स्टोर कर रही है और हम सभी अपने क्रेडिट कार्ड की मदद से ऑनलाइन खरीददारी करते हैं तो इससे हमारे डेटा और जानकारी जोखिम में होती है। एक रिस्क रहता है और इस बात की गैरन्टी देने का कोई तरीका नहीं है कि हमारी जानकारी हमेशा सुरक्षित रहें। इसीलिए साइबर क्राइम को रोकने के लिए हर देश में साइबर सिक्योरिटी का अलग से कानून बनाया गया है, जिसका मकसद है इंटरनेट के माध्यम से होने वाले हाइटेक अपराधों पर लगाम लगाई जा सके। लेकिन सभी इंटरनेट यूजर्स को इस बात की जानकारी होनी बहुत जरूरी है |

 

 

कितने प्रकार के साइबर अटैक होते हैं?

 

कितने प्रकार के साइबर अटैक होते हैं?जिससे कि तुरंत ही हम साइबर सिक्योरिटी के लिए काम कर रहे अधिकारियों को सूचित कर सकें।तो चलिए अब हम अलग अलग प्रकार के साइबर अटैक्स के बारे में जानते हैं।

 

1.      वाइरस एस कंप्यूटर वायरस के बारे में तो आपने सुना ही होगा, जो एक प्रकार का मॉलवेयर प्रोग्राम होता हैं, जिन्हें विशेष रूप से पीड़ितों के कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाने के लिए बनाया गया होता है। वाइरस सही समय में अपने आप को कॉपी करके पूरे सिस्टम में फैल जाते हैं।और यूजर्स  अनुमतियाँ ज्ञान के बिना ही कंप्यूटर सिस्टम को संक्रमित कर सकते हैं और डेटा चुरा सकते हैं।

2.      ऐडवेयर मालवेयर का एक समूह है जो पॉप अप मैसेज को उत्पन्न करने के लिए जाना जाता है। लुभावने ऐड्स का उपयोग करके हैकर एक सॉफ्टवेयर बनाता है और जब कोई यूजर्स  उस सॉफ्टवेयर को डाउनलोड करता है तो हैकर उस सॉफ्टवेयर की मदद से यूजर्स  की कंप्यूटर को ऐक्सेस कर लेता है फिर या तो इम्पोर्टेन्ट डेटा या फाइल्स को डिलीट कर देता है या फिर डेटा चोरी कर लेता है।

3.      होर्स ट्रोजन होर्स भी तरह का मालवेयर प्रोग्राम है जो खुद को हानिरहित या उपयोगी सॉफ्टवेयर के रूप में प्रस्तुत करता है। ट्रोजन हमारे सिस्टम को कंट्रोल कर लेता है और मालशिरस ऐक्शन को अंजाम देता है।ट्रोजन हॉर्स अन्य वाइरस की तरह अपनी कॉपी तो क्रिएट नहीं कर सकते, परन्तु ये वाइरस को सिस्टम में इन्स्टॉल कर सकता है। एक ट्रोजन सिस्टम की तथा डेटा को डिलीट कर सकता है, महत्वपूर्ण इन्फॉर्मेशन तथा पासवर्ड को चुरा सकता है और सिस्टम को लॉक कर सकता है।

4.      रैनसमवेअर ये एक तरह का वायरस होता है जो कि अपराधियों के द्वारा लोगों के कंप्यूटर और सिस्टम में हमला करने के लिए काम आता है।ये कंप्यूटर में पड़ी फाइल को काफी नुकसान पहुंचाता है। फिर उसके बाद अपराधी ने जीस। किसी का भी कंप्यूटर या सिस्टेम इस तरीके से खराब किया होता है, उससे रिश्वत लेता है और उसी के बाद उसके सिस्टम को छोड़ता है।

5.       फिशिंग, ईमेल्स का उपयोग आमतौर पर यूजर्स  से निजी जानकारी चुराने के लिए किया जाता है और ये एक तरह का फ्रॉड होता है, जिसमें फ्रॉड वाले मेल लोगों को भेजे जाते हैं।जिससे की उन्हें ये लगे की ये मेल किसी अच्छी संस्था से आया है इस तरह के मेल का।अक्सर जरूरी डेटा को चुराना होता।जैसे की क्रेडिट कार्ड की जानकारी या फिर लॉगिन डिटेल्स। साइबर सेक्युरिटी हमें अपने नेटवर्क या सिस्टम को सुरक्षित करने की परमिशन देती है जिसमें महत्वपूर्ण या संवेदनशील डेटा के साथ काम करना पड़ता है। साइबर सिक्योरिटी की प्राथमिक भूमिका गोपनीय डेटा की सुरक्षा करना है, जिसे केवल ऑथोराइज्ड यूजर्स  द्वारा ऐक्सेस किया जाना है।

 

साइबर सिक्योरिटी के इस्तेमाल करने का क्या लाभ होता है?

 

साइबर सिक्योरिटी के कई लाभ है। इसके द्वारा हर स्तर पर नेटवर्क को इंटरनेट पर होने वाले बाहरी खतरों से बचाया जा सकता है, जिससे एक आम यूजर्स  सुरक्षित हो सके  अपना काम नेटवर्क और इंटरनेट पर कर सकता है। साइबर सिक्युरिटी के कुछ अन्य फायदे भी हैं जैसे की साइबर सेक्युरिटी बाहरी हमलों से ऑर्गेनाइजेशन या यूजर्स  के नेटवर्क को सुरक्षित करते हैं। साथ ही यह भी सुनिश्चित करते हैं की यूजर्स  को इंटरनेट पर अच्छा प्रदर्शन मिले और अपने महत्वपूर्ण डेटा के बारे में वो सुरक्षित महसूस करें। डेटा को सुरक्षा प्रदान की जाती है जिससे महत्वपूर्ण डेटा लीक या चोरी होने का खतरा कम हो जाता है।

इन्टरनेट पर हजारों तरह के डेटा डेटाबेस में रखे जाते हैं जैसे मरीज़ों के डेटा, छात्र के डेटा, व्यापार का डेटा आदि। तो ये सभी अत्यधिक गोपनीय डेटा को ऑथोराइज्ड पहुँच से सुरक्षित रखना ताकि इसका दुरुपयोग ना हो सके इस बात की गारंटी साइबर सिक्योरिटी का उपयोग करके प्राप्त हो सकता है। साइबर सेक्युरिटी इसलिए भी जरूरी है |

 

 

गवर्नमेंट मिलिट्री, कॉर्पोरेट, फाइनैंशल और मेडिकल ऑर्गनाईजेशन काफी तरह के डेटा को इकट्ठा करते हैं और उस डेटा को अपने सिस्टम कंप्यूटर और अन्य डिवाइसेज़ में रखते हैं। इन डेटा का कुछ भाग काफी महत्वपूर्ण हो सकता है, जिसकी चोरी होने से किसी की निजी जिंदगी पर काफी गहरा प्रभाव पड़ सकता है। इसीलिए साइबर सिक्योरिटी की मदद से डेटा को सुरक्षित रखा जाता है।मालवेयर से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है जिससे हर प्रकार के का खतरा रहता है जैसे वाइरस, स्पाइवेर, रैनसमवेअर  |

 

साइबर सिक्योरिटी में कैरिअर -

 

अब हम साइबर सिक्योरिटी में कैरिअर विकल्प के बारे में जानेगे जैसे जैसे लोगों की कंप्यूटर और इंटरनेट पर निर्भरता बढ़ती जा रही है, वैसे वैसे साइबर क्राइम के बढ़ने से इस क्षेत्र में ऐसे विशेषज्ञों की मांग बढ़ गई है जो साइबर सिक्युरिटी एक्स्पर्ट है।और जिन्हें साइबर लॉ का ज्ञान है। जनता के लोगों में हो रहे क्राइम को रोकने के लिए जो कानून और पुलिस होते हैं वो साइबर अपराधों को रोक पाने में नाकाम रहे हैं, जिसकी वजह से इस क्षेत्र में साइबर एक्स्पर्ट के लिए बहुत सारी संभावनाएँ उत्पन्न हुई है।

 

अगर आप भी इस फील्ड में काम करना चाहते हैं तो आप 12 वीं पास करने के बाद इसके किसी भी कोर्स में ऐडमिशन ले सकते हैं।जिन लोगों ने पहले से ही कानून की डिग्री ले रखी है, उन लोगों के लिए एक बेहतरीन फील्ड साबित हो सकती है। साइबर सेक्युरिटी क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की नौकरियों की सूची है जैसे चीफ, साइबर सिक्योरिटी ऑफिसर, कंप्यूटर प्राइम इन्वेस्टिगेटर, क्रिप्टोग्राफर नेटवर्क, सिक्योरिटी इंजीनियर, सेक्युरिटी आर्किटेक्ट, सेक्युरिटी ऐनालिस्ट, सेक्युरिटी कंसल्टेंट सोर्स कोड इत्यादि |

 

 

भारत इंटरनेट का तीसरा सबसे बड़ा उपयोग करता है और हाल ही के वर्षों में साइबर अपराध भी कई गुना बढ़ गए हैं। साइबर सेक्युरिटी उपलब्ध कराने के लिए सरकार की ओर से कई कदम उठाए गए हैं। कैशलेस ट्रांजैक्शन को अपनाने की दिशा में बढ़ने के कारण भारत में साइबर सिक्युरिटी सुनिश्चित करना आवश्यक है। इसीलिए साइबर अपराध को रोकने के लिए कंप्यूटर के महान विशेषज्ञों को रखा जाता है, जिससे कि कोई भी  महत्वपूर्ण डेटा सुरक्षित रहें।

 

 उम्मीद है कि साइबर सिक्योरिटी के बारे में ये जानकारी आपके काफी काम आई होगी और काफी कुछ समझने को मिला होगा। इस लेख के बारे में आपकी क्या राय हैं? हमें आप कमेंट बॉक्स में लिख करके बता सकते है।

 

धन्यवाद।

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