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Python Kya Hai

 

Python Kya Hai |पाइथन क्या है |पायथन के इतिहास क्या है |प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का नाम पाइथन क्यों रखा गया|
पाइथन  के अनोखे फीचर्स क्या है ?


Python Kya Hai


Python Kya Hai

कंप्यूटर और मोबाइल फ़ोन पर रन होने वाले जीतने भी ऐप्लिकेशन या सॉफ्टवेर होते है। वो किसी ना किसी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के द्वारा बनाए गए होते हैं। आज के समय में आपको बहुत सारे प्रोग्रामिंग लैंग्वेज देखने को मिल जाएंगे जैसे सी, सी  प्लस  प्लस जावा इत्यादि। ये सभी कंप्यूटर लैंग्वेजेस होते हैं जो मनुष्य द्वारा लिखे और समझे जाते हैं।हर लैंग्वेज के अलग अलग फीचर्स होते हैं जो इन्हें एक दूसरे से अलग बनाते हैं। जैसे जैसे तकनीकी  की दुनिया में बदलाव होते जा रहे हैं, वैसे वैसे इन प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेस में भी कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं जो यूजर  को बेहतरीन फीचर्स प्रदान करते हैं। ऐसे ही एक लैंग्वेज है पाइथन जिसे प्रोग्रामिंग कम्यूनिटी इंडेक्स द्वारा दुनिया के 10 लोकप्रिय प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेस में सबसे ऊपर स्थान का दर्जा दिया गया है। आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं की ये लैंग्वेज कितनी बेहतरीन है। और आप को इस लेख में पायथन लैंग्वेज के बारे में ही सारी जानकारी मिलेगी |

 

पाइथन क्या है?

 

पाइथन एक ओपन सोर्स हाई लेवल इंटरप्टेड और जनरल पर्पस प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है जिसका इस्तेमाल करना बेहद आसान होता है। साथ ही ये बहुत ही शक्तिशाली लैंग्वेज भी मानी जाती है। पाइथन एक बेहतरीन प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है, जिसकी मदद से बहुत तेजी से ऐप्लिकेशन को बनाया जा सकता है। पाइथन का इस्तेमाल डेस्कटॉप जीवा एप्लिकेशन से वेबसाइट्स और वेब ऐप्लिकेशन बनाने के लिए किया जाता है।पाइथन लैंग्वेज सी ,सी प्लस प्लस की तरह ही एक प्रोग्रामिंग भाषा है। लेकिन ये बाकी के मुकाबले बहुत ही आसान लैंग्वेज है जिसका सिंटेक्स यूनिक है जो इस भाषा को यूजर  इसके लिए पढ़ने योग्य बनाता है।

 

 

 अलग अलग डेवलपर्स पाइथन लैंग्वेज के कोर्ट को पढ़कर ट्रांसलेट भी कर सकते हैं जो दूसरी भाषा के मुकाबले बहुत आसान होता है। पाइथन  में डाइनैमिक टाइप सिस्टेम और ऑटोमैटिक मेमोरी मैनेजमेंट की सुविधा उपलब्ध रहती है। इसी वजह से प्रोग्राम के मेन्टेन्स और डेवलपमेंट का खर्च भी बहुत कम होता है और पाइथन लैंग्वेज पर काम कर रही टीम को एक दूसरे के सहयोग के साथ काम करने का मौका भी मिलता है। शक्तिशाली लैंग्वेज होने की वजह से पायथन का इस्तेमाल बहुत से बड़ी कंपनी द्वारा किया जा रहा है जैसे यूट्यूब, क्योरा, इन्सटाग्राम, गूगल ,पीन्ट्रेस्ट आदि| पाइथन  लैंग्वेज मॉडल्स और पैकेजेस के उपयोग का सपोर्ट करता है। इसका मतलब है कि इस लैंग्वेज में जो प्रोग्राम लिखे जाते है वो मॉड्युलर स्टाइल में लिखे जाते हैं जो अलग अलग प्रकार के महत्वपूर्ण टास्क परफॉर्म करने के लिए बनाए गए होते हैं।

 

 

इन मॉड्यूल्स का उपयोग दूसरे प्रोजेक्ट्स के काम में भी किया जा सकता है और इन्हें इम्पोर्ट एक्सपोर्ट करना बहुत आसान होता है।

 

 

पायथन के इतिहास क्या है ?

 

पाइथन का आविष्कार नीदरलैंड्स में गुइडो वैन रोसुम द्वारा किया गया पाइथन की शुरुआत 1980 में हुई और करीब 10 साल बाद 1991 में पाइथन को लॉन्च किया गया। जनवरी 2094 में पाइथन का पहला वर्जन पाइथन 1.0 निकाला गया। इसका दूसरा वर्जन पाइथन 2.0 अक्टूबर 2000 में जारी किया गया और इसका तीसरा वर्ज़न पाइथन 3.1 लंबी अवधि के बाद दिसंबर 2008 में जारी किया गया था। पायथन का नया वर्जन पाइथन, 3.6 पॉइन्ट 1 मार्च 2017 में रिलीज किया गया है। इस भाषा को इस तरह से बनाया गया है कि इसमें लिखे गए कोड आसानी से पढ़े और समझे जा सकते हैं। इसकी खासियत ये भी है कि इसे सीखने के लिए हमें कोई पैसा देना नहीं पड़ता।और इसके लिए किसी भी लाइसेंस की जरूरत भी नहीं पड़ती।

 

 

 

ये जनरल पब्लिक लाइसेंस में उपलब्ध एक फ्री सॉफ्टवेयर लाइसेंस है जो कि यूजर को, सॉफ्टवेयर चलाने और पढ़ने की सुविधा देता है।

 

 

 
प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का नाम पाइथन क्यों रखा गया?

 

जबकि यह एक सांप की प्रजाति का नाम है। दरअसल, पाइथन के नाम की उत्पत्ति एक कॉमेडी शो के नाम से हुई थी। जो 1970 के दशक में बीबीसी कॉमेडी सीरीज द्वारा मोंटी पाइथन फ्लाइंग सर्कस नाम एक स्क्रिप्ट प्रकाशित हुई थी। इससे प्रभावित होकर गुइडो वैन रोसुम ने अपनी भाषा का नाम पायथन रख दिया। फिलहाल पाइथन लैंग्वेज को इस वक्त कोर्ट डेवलपमेंट टीम द्वारा मेनटेन किया जाता है, जो पाइथन प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में हमेशा नए नए अपडेट और फीचर्स जुड़ते रहते हैं।

 

पाइथन का उपयोग क्यों किया जाता है?

 

पाइथन एक ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है जिसका उपयोग हम सॉफ्टवेर का निर्माण करने के लिए करते हैं। ये एक इन्टरप्रेटर लैंग्वेज भी है जिसका मतलब है कि इसमें लिखे गए प्रोग्राम्स के कोर्ट को रन करने के लिए कंप्यूटर रीडेबल फॉरमैट में बदलकर कम पाल करना नहीं पड़ता है। जबकि दूसरे प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेस में एक को रन करने से पहले सोर्स कोर्ट का ऑब्जेक्ट कोड कन्वर्सेशन करना होता है। इन्टरप्रेटर की मदद से पाइथन कोर्ट को लगभग सही कंप्यूटर पर आसानी से रन किया जा सकता है। पाइथन एक प्लैटफॉर्म इन्डिपेन्डेन्ट लैंग्वेज है, जो विंडो स्मैक, लिनक्स जैसे अलग अलग प्लेटफॉर्म पर कार्य करती है।

 

 आज के समय में सबसे ज्यादा प्रोग्रामर द्वारा इस्तेमाल होने वाली भाषा पाइथन है। पाइथन का उपयोग सिस्टम सॉफ्टवेरवेब ऐप्लिकेशन डिवेलपमेंट ऐप डिवेलपमेंट, वेबसाइट्स क्रिएशन, कंप्यूटर ग्राफिक्स, सर्वर, साइड प्रोग्राम्स आदि बनाने में किया जाता है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पाइथन का इस्तेमाल नासा में भी किया जाता है | जहाँ इक्विपमेंट सौर स्पेस मशीन्स बनाने के लिए पायथन प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का उपयोग किया जाता है। इस लैंग्वेज का उपयोग आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स और डेटा साइंस में भी किया जाता है। पाइथन की स्टैन्डर्ड लाइब्रेरी बहुत सारे इंटरनेट प्रोटोकोल को सपोर्ट करती है जैसे एच. टी.  एम. एल. , एक्स एम् एल ,जे एस ओ ,आई एम् ए पी ,एफ टी पी  आदि।

 

 

 

पाइथन  के अनोखे फीचर्स क्या है ?

 

पाइथन एक हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है, जिसे कोर्ट रीड और मेंटेन करना बेहद आसान होता है। इसका सोर्स कोट फ्री सभी के लिए अवेलेबल होता है और इसके कोर्ट को रिड्यूस या मॉडिफिकेशन करने के लिए सभी यूजर  इसके लिए हमेशा ओपन रखा जाता है।स्वतंत्र रूप से डाउनलोड और उपयोग कर सकें। यही एक वजह है कि बाजार लैंग्वेज को ओपन सोर्स प्रोग्रामिंग लैंग्वेज कहा जाता है। पाइथन के बहुत से ऐसे यूनीक फीचर्स हैं जो कि इसे दूसरे लैंग्वेजेस से बहुत अलग बनाते हैं।

जैसे

·         1.सिंपल पाइथन भाषा बहुत ही सरल भाषा है। इसका उपयोग करना आसान है इसलिए इसे कंप्यूटर की भाषाओं में सबसे आसान भाषा माना जाता है। पाइथन एक ऐसी भाषा है जिसे पढ़ना और समझना बहुत ही आसान है। जिन लोगों को पहले से लैंग्वेजेस के बारे में कोई ज्ञान नहीं होता, वो भी इस भाषा को पढ़कर आसानी से प्रोग्रामर बना सकते हैं।

 

·         2.इन्टरप्रेटर लैंग्वेज जिसतरह हमें बाकी प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेस जैसे सी, सी प्लस प्लस और जावा को रन करने से पहले कम्पाइल करना जरूरी होता है, पाइथन उस तरह कम्पाइल नहीं किया जाता। पाइथन कोड रन टाइम पर ही इन्टरप्रेटर द्वारा प्रोसेसेस किया जाता है। पाइथन एक समय में प्रोग्राम के एक कोर्ट को लाइन भी लाइन एग्जिक्यूट करता है। इसलिए इस भाषा को स्क्रिप्ट लैंग्वेज भी कहा जाता है।हालांकि इंटर्प्रिट होने की वजह से दूसरे लैंग्वेजेस से थोड़ी स्लो है।

 

·         3. प्लैटफॉर्म इन्डिपेन्डेन्ट पाइथन ओपन सोर्स होने के कारण कई प्लैटफॉर्म पर उपलब्ध है। जैसे लिनक्स, विंडोज और मैक ओएस पाइथन का कोड आसानी से किसी भी प्लेटफॉर्म पर चलता है। इसलिए अगर आप पाइथन का कोड किसी भी ऑपरेटिंग सिस्टम पर लिखते हैं।तो आप उस प्रोग्राम को दूसरे ऑपरेटिंग सिस्टम्स में भी बिना किसी समस्या के रन कर सकते हैं। अलग अलग प्लेटफॉर्म के लिए अलग अलग कोड लिखने की आवश्यकता नहीं होती।

 

·         4.एक्स्टेंसिबल लैंग्वेज पाइथन पूरी तरह से एक्स्टेंसिबल लैंग्वेज है अर्थात इसके सोर्स कोर्ट में अन्य प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के कोड डाले जा सकते हैं। यदि आप चाहते हैं की किसी प्रोग्राम का एक भाग तेजी से क्यूट हो तो आप उस भाग को दूसरी भाषा में सी में लिख सकते हैं। पाइथन को दूसरी भाषा सी और सी प्लस प्लस के साथ आसानी से इंटिग्रेट किया जा सकता है।

 

·         5. लार्ज स्टैन्डर्ड लाइब्रेरी पाइथन में बहुत बड़ी स्टैन्डर्ड लाइब्रेरी मौजूद हैं। ये लाइब्रेरी अनेकों तरह के कार्यों के लिए उपयुक्त है। ये हमें रैपिड ऐप्लिकेशन डिवेलपमेंट के लिए मौजूद  और पैकेजेस का समृद्ध सेट प्रदान करता है, जिसके कारण हमें हर टास्क के लिए अलग से कोड लिखना नहीं पड़ता है। इसमें ग्राफिकल यूज़र इंटरफेस बनाने के लिए मॉड्यूल है। वेब फ़्रेम  बनाने के लिए मॉड्यूल है, डेटाबेस से डेटा आदान प्रदान करने के लिए मॉड्यूल है। इसी तरह से बहुत से टैक्स परफॉर्म करने के लिए लाइब्रेरी में मॉड्यूल से उपलब्ध है।

 

 

 

 

 

 

 आशा है कि इस लेख  के माध्यम से आपको पाइथन क्या है? इसका उपयोग कैसे किया जाता है? और क्यों किया जाता है ?और इसके फीचर्स से जुड़ी सारी जानकारियां इस लेख में आपको मिल गयी होंगी। मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की हमारे लेख के जरिये आपको दिए गए विषय पर पूरी जानकारी प्राप्त हो सके ताकि आपको कहीं और जाना पड़े। मुझे उम्मीद है कि इस लेख में दी गई जानकारी आपके लिए बहुत उपयोगी होगी।इस लेख से जुड़ी कोई भी परेशानी हो तो आप हमें नीचे कमेंट में बता सकते है ताकि हम आपकी परेशानी को जल्द से जल्द दूर कर सकें। और ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर  करें ताकि बाकी लोगों तक भी ये जानकारी पंहुच  सके।

धन्यवाद |

 

 

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