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Supercomputer Kya Hota Hai


Supercomputer |सुपर कंप्यूटर क्या होता है | सुपर कंप्यूटर का इस्तेमाल कहा किया जाता है |सुपर कंप्यूटर कब और किसने बनाया था?


Supercomputer Kya Hota Hai

Supercomputer Kya Hota Hai

आज कल हम टेक्नोलॉजी के युग में जी रहे हैं और ये टेक्नोलॉजी कंप्यूटर के बिना हमारे काम ही नहीं सकते। हमें जो कुछ भी जानकारी और ज्ञान मिलता है वो सब कंप्यूटर की वजह से ही मुमकिन हो पाया है। अपने रोज़मर्रा की जिंदगी में हम जो कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं उसे साधारण कंप्यूटर कहा जाता है। सामान्य कंप्यूटर से साधारण कार्य जैसे छोटी मोटी कैलकुलेशन करना बनाना, पॉवर पॉइंट बनाना ,टैक्स टाइप करना, गेम खेलना, पिक्चर देखना जैसे काम किए जाते हैं। साधारण कंप्यूटर के अलावा एक और कंप्यूटर है जिसका इस्तेमाल बड़े बड़े कामों को पूरा करने के लिए किया जाता है। वो कंप्यूटर साधारण कंप्यूटर के मुकाबले बड़ी बड़ी कैल्कुलेशन्स को चंद मिनटों में कर दिखाता है। मौसम के बारे में भी बताता है। बड़ी बड़ी मशीनों को बनाने में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है

 

 सुपर कंप्यूटर के बारे में तो आप सभी ने सुना होगा और इसकी थोड़ी बहुत जानकारी तो आप सभी के पास होगी आप को इस ब्लॉग में सुपर कंप्यूटर के बारे में सम्पूर्ण जानकारी मिलेगी | सुपर कंप्यूटर के बारे में अच्छे से जानने के लिए इस लेख को अंत तक जरुर पढ़े |

 

सुपर कंप्यूटर क्या होता है?

 

सुपर कंप्यूटर के बारे में जानने से पहले हम ये समझने की कोशिश करेंगे कि कंप्यूटर क्या होता है ? कंप्यूटर एक सामान्य उद्देश्य से काम करने वाली मशीन है जो इनपुट डिवाइसेस  जैसे कीबोर्ड और माउस के ज़रिए यूजर  से डेटा लेती है।फिर उस डेटा की प्रक्रिया करता है और प्रक्रिया के बाद यूजर  को आउटपुट देता है। एक सामान्य कंप्यूटर इसी तरह से काम करता है, लेकिन सुपर कंप्यूटर का काम इससे कहीं ज्यादा अधिक और तेज होता है। सुपर कंप्यूटर को वहाँ पर काम में लिया जाता है जहाँ पर बहुत ज्यादा पावर और तेज गति के साथ वास्तविक काल में बड़े कैल्कुलेशन्स की जरूरत होती है।

 

 

, क्योंकि सुपर कंप्यूटर सिरिअल प्रोसेसिंग की जगह पैरलेल प्रोसेसिंग के आधार पर काम करता है साधारण कंप्यूटर कार्य को पूरा करने के लिए सिरिअल प्रोसेसिंग का उपयोग करते हैं।जिसमें एक समय में एक ही काम किया जाता है। मतलब की एक कार्य के खत्म होने के बाद ही दूसरे कार्य की प्रक्रिया शुरू हो जाती है जिसकी वजह से इसमें कार्य की प्रक्रिया धीमी होती है। लेकिन सुपर कंप्यूटर में हजारों प्रोसेसर लगे होते हैं जो प्रति सेकंड अरबों करोड़ों गणना करने में सक्षम होते हैं।

 

 

 एक सुपर कंप्यूटर कार्य को पूरा करने के लिए पैरलेल प्रोसेसिंग का उपयोग करता है।जिसमें वो एक कार्य को  छोटे छोटे भागों विभाजित कर देता है  और प्रत्येक माइक्रोप्रोसेसर हर भागों में दिए गए कार्य को एक ही समय में एक साथ तेज गति से पूरा करते हैं। सबसे बड़े और शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर्स पैरलेल प्रोसेसिंग का इस्तेमाल करते हैं। इसमें वो कोई भी प्रोसेसर को तेज और कम समय में कर सकते हैं। सुपर कंप्यूटर में कई माइक्रोप्रोसेसर एक साथ काम करते हुए किसी भी जटिल समस्या का अलविदा लाते है किसी भी कंप्यूटर को इस काबिलियत के आधार पर सुपर कहा जाता है कि वो कितनी बड़ी कैलकुलेशन कितनी जल्दी कर लेता है। सुपर कंप्यूटर एक सेकंड में एक अरब गणनाएं कर सकता है। सुपर कंप्यूटर की गति की गणना फ्लॉप्स यानी फ्लोटिंग पॉइंट्स ऑपरेशन पर सेकंड में की जाती है, जबकि साधारण कंप्यूटर की गति की गणना MIPS  यानी मिलियन इन्स्ट्रक्शन्स पर सेकंड में की जाती है | ऑपरेटिंग सिस्टम की बात की जाए तो जब नए सुपर कंप्यूटर की शुरुआत हुई थी तो ये यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम पर कार्य करते थे, लेकिन समय और टेक्नोलॉजी में बदलाव के साथ अब अधिकांश नए सुपर कम्प्यूटर्स में लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है।

 

 

हालांकि मैनुफैक्चर अपनी जरूरत के हिसाब से ऑपरेटिंग सिस्टम को चेंज भी कर लेते हैं। लिनक्स के अलावा सैंटोस बुल्स और क्रेलिनक्स जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल भी किया जाता है। ज़्यादातर सुपर कंप्यूटर का उपयोग साइंटिफिक कार्यों के लिए ही किया जाता है तो इसमें कभी कभी ट्रेडिशनल प्रोग्रामिंग लैंग्वेजवो ट्रेंड और मॉडर्न प्रोग्रामिंग लैंग्वेज जैसे सी और सी प्लस प्लस का उपयोग भी किया जाता है। सुपर कंप्यूटर साधारण कंप्यूटर की तुलना में हर तरह से बेहतर है। इसीलिए इसके सहमत भी बहुत ज्यादा होती है जिसे खरीदना आम इंसान के बस के बाहर है। सुपर कंप्यूटर की कीमत  इस बात पर निर्भर करती है की ये कितनी फ्लॉप्स की गति से गणना करता है।जो सुपर कंप्यूटर जितना ज्यादा तेज होगा, उसके कीमत  उतनी ही ज्यादा होगी यानी वह उतना ही महंगा होगा।

 

 

सुपर कंप्यूटर की साइज भी बहुत बड़ी होती है इसकी ऊँचाई कुछ फिट से लेकर 100 तक की होती है, इसीलिए सुपर कंप्यूटर की कीमत बहुत ज्यादा होती है। इसकी कीमत $2,00,000 से लेकर 100 मिलियन डॉलर तक होती है।सुपर कंप्यूटर का साइज इस बात पर भी निर्भर करता है की वो सुपर कंप्यूटर कितने कंप्यूटरों से मिलकर बना है। एक सुपर कंप्यूटर 10 सौ  या 1000 या इससे भी अधिक कंप्यूटरों से मिलकर बना हो सकता है और ये सभी कंप्यूटर एक साथ काम करते हैं।

 

सुपर कंप्यूटर का इस्तेमाल कहा किया जाता है?

 

सुपर कंप्यूटर का उपयोग खासकर ऐसे क्षेत्रो में किया जाता है जिनमे कुछ ही क्षणों में बड़े पैमाने पर कैलकुलेशन करने की जरूरत पड़ती है। परंपरागत रूप से देखा जाए तो सुपर कंप्यूटर्स का ज्यादातर इस्तेमाल साइंटिफिक और एंजिनीरिंग ऐप्लिकेशंस के लिए होता है, जिससे ये बड़े बड़े डेटाबेस को हैंडल कर सके और साथ ही बड़ी मात्रा में कम्प्यूटेशनल ऑपरेशन कर सके। परफॉर्मेंस की बात करें तो ये आम कंप्यूटर से हजारों गुना तेज़ सुपर कंप्यूटर बहुत तेज़, शक्तिशाली और महंगे होते हैं। इसीलिए इसका उपयोग वही पर किया जाता है जहाँ पर बहुत बड़े और तेजी से कैलकुलेशन करनी होती है। इसके अलावा स्पेशल ऑपरेशन्स में भी इसकी जरूरत होती है। ऐतिहासिक रूप से इसका उपयोग मौसम की भविष्यवाणी करने जिसे वेदर फोरकास्टिंग करते हैं।जी इनका संकलन करना जिसे जिन 37 इस कहा जाता है, जलवायु अनुसंधान जिसे क्लाइमेट रिसर्च कहा जाता है, परमाणु अस्त्रों के सिमुलेशन करने तथा मैथमेटिकल मॉडलिग इत्यादि जैसे कामों के करने की बात आती है, तब हमें सही मायने में कंप्यूटर पावर की जरुरत होती है ऐसे में सुपर कंप्यूटर ही ज्यादा काम आता है |


 

सुपर कंप्यूटर कब और किसने बनाया था?

 

यदि आप कंप्यूटर्स के इतिहास के बारे में पता करेंगे, तब आप पाएंगे कि किसी अकेले व्यक्ति ने सुपर कंप्यूटर का निर्माण नहीं किया।बल्कि बहुत से लोगों ने अपने योगदान समय समय पर दिया। तब कहीं जाकर हमें ऐसे विशाल और शक्तिशाली मशीन ही देखने को मिली। लेकिन जहाँ बात सुपर कंप्यूटर के आती है तब इसका एक बहुत बड़ा श्रेय सिमोन ट्रिक हो जाता है क्योंकि उनका योगदान सुपर कंप्यूटर को बनाने में सबसे ज्यादा है। इन्हें सुपर कंप्यूटर के जनक भी कह  सकते है विश्व का पहला सुपर कंप्यूटर द्वारा 1960 में बनाया गया था, जिसका नाम था सीडीसी 1604 विश्व के दो सबसे तेज सुपर कंप्यूटर अमेरिका के हैं। इन दोनों कंप्यूटर के नाम है सुमित और सिरा  ये दोनों टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हैं।

 

 

सुमित को जून 2018 में दुनिया के सबसे तेज़ कंप्यूटर का ताज पहनाया गया था।इससे पहले चीन का संविधान विश्व का सबसे तेज़ कंप्यूटर था, जिसका अनुमानित मूल्य 273 मिलियन डॉलर था। कुल मिलाकर दुनिया के 10 सबसे तेज सुपर कंप्यूटर में पांच अमेरिकी, दो चीन  और एक एक स्विट्जरलैंड, जापान और जर्मनी का है। इस मामले में भारत भी किसी देश से पीछे नहीं है। इसके पास भी अभी पांच सबसे तेज सुपर कंप्यूटर्स हैं जिनके नाम हैं प्रत्युष ऐक्सी 40 शस्त्र ग्रे, एक सी, 40 आदित्य आईबीएम, स्लैश, लेनोवो सिस्टम, आइआइटी दिल्ली, एचपीसी, परम युवा टू भारत को अपना पहला सुपर कंप्यूटर सन 1991 में मिला।

 

 

 इसका नाम था पर 8000 भारत का सबसे आधुनिक सुपर कंप्यूटर प्रत्यूष हैं। जनवरी 2018 के हिसाब से प्रत्यूष ऐक्सी 40 भारत का सबसे तेज सुपर कंप्यूटर है। इसकी मेमोरी 1.5 टेरा बाईट है। ये सुपर कंप्यूटर पुणे के आईआईटी में स्थित है। भारत के सुपर कंप्यूटर की टॉप स्पीड 42.56 टिफ्लोक्स पर सेकेण्ड है इस सुपर कम्प्यूटर को मौसम और वातावरण को अच्छे से समझने के उद्देश्य से बनाया गया था। ये भारत में मॉनसून, बाढ़, सूखा चक्रवात और हवा की गति जैसे मौसमी बदलाव की जांच और इसकी भविष्यवाणी सटीकता से कर सकता है। भारत में सुपर कंप्यूटर का इस्तेमाल ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री से लेकर मेडिकल।और शिक्षा के।चित्र में रिसर्च के लिए किया गया है |

 

 

कंप्यूटर क्या है ?इसका इस्तेमाल कंहा  किया जाता है? और सुपर कंप्यूटर कब और किसने बनाया है?,  आप को इससे जुड़ी सारी जानकारी मिल गयी होगी। मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की  लेख के जरिये आपको सम्पूर्ण जानकारी  मिल सके इस लेख से  पूरी जानकारी प्राप्त हो सके ताकि आपको कहीं और जाना पड़े। इस लेख से जुड़े कोई परेशानी हो तो आप हमें नीचे कमेंट में जरूर बताएं ताकि हम आपकी परेशानी को जल्द से जल्द दूर कर सकें

धन्यवाद

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