ads

ads

Rom Kya Hai

  

Rom Kya Hai | रोम कैसे काम करता है | रोम कितने प्रकार का होता है |रोम के फायदे क्या – क्या है?


Rom Kya Hai





Rom Kya Hai

रोम, जिसके बारे में आपने जरूर सुना होगा और आप में से बहुत से लोगों को इसके बारे में पता भी होगा कि इसका इस्तेमाल कहाँ और क्यों होता है? लेकिन इसके बारे में पता नहीं है तो इस लेख में रोम के बारे में सम्पूर्ण जानकारी मिलेगी क्योंकि इससे आपका ज्ञान और भी बढ़ जाएगा। जैसे भगवान ने हमारा मस्तिष्क बनाया है ताकि हम चीजें, लम्हे, यादें और बातों को अपने दिमाग में स्टोर कर सके और जरूरत पड़ने पर हमें वो सभी याद रह सके। 



ठीक उसी तरह कंप्यूटर के वैज्ञानिको  ने कंप्यूटर तो बनाया ही, साथ ही इसमें डेटा स्टोर करने के लिए एक चिप भी बनाई।जैसे मेमोरी कंप्यूटर में प्रोग्राम डेटा और इन्फॉर्मेशन को स्टोर करने के लिए मेमोरी की जरूरत होती है ताकि हम जब भी कंप्यूटर से एक ही डेटा की मांग हर बार करें तो वो अपने मेमोरी में स्टोर उस डेटा को निकाल कर हमें दिखा सके। वैसे तो कंप्यूटर मेमोरी बहुत से प्रकार की होती है आखिर ये रोम होता क्या है और इसका कार्य क्या है और ये कितने प्रकार का होता है?




रोम क्या है?



रोम को रीड ओनली  मेमोरी कहा जाता है, जो केवल डेटा को रीड करने के लिए होती है। ये एक चिप के रूप में कंप्यूटर के मदरबोर्ड में लगाई जाती है जो डेटा को स्थाई रूप से यानी परमानेंटली स्टोर करती है। रोम एक नन वेनेटाइल  मेमोरी होती है। मतलब जैसे कि कंप्यूटर सिस्टम की पावर सप्लाई बंद हो जाती है तो रोम  अपने चिप में स्टोर हुए डेटा को नहीं खोती ।रोम वो मेमोरी है जिसमें कंप्यूटर के निर्माण के समय कंप्यूटर को स्टार्ट करने वाले प्राथमिक प्रोग्राम और सेटिंग होती है जो कंप्यूटर को बूट करने में मदद करती है। 



बूटिंग कंप्यूटर को शुरू करने की प्रक्रिया को कहा जाता है। इसमें मोरी मैं स्टोर किए गए प्रोग्राम परिवर्तित और नष्ट नहीं किये जा सकते। उन्हें केवल रीड किया जा सकता है। इसीलिए ये मेमोरी रीड ओनली मेमोरी कहलाती है रोम में स्टोर प्रोग्राम्स को जिसे बेसिक इनपुट आउटपुट सिस्टम कहा जाता है, रोम का प्रयोग कंप्यूटर में फर्मवेयर सॉफ्टवेर को स्टोर करने के लिए भी किया जाता है।




 और यही फर्मवेयर सॉफ्टवेर  रोव  में इन्स्टॉल किया जाता है। जिसमें डिवाइस को एक दूसरे के साथ कम्यूनिकेट और इंटरैक्ट करने के इन्स्ट्रक्शन्स मौजूद रहते हैं। रोम का उपयोग कंप्यूटर के साथ साथ अन्य बुनियादी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस जैसे वॉशिंग मशीन्स, डिजिटल वॉच ,टीवी,विडियोगेम्स, रोबोट्स आदि में भी किया जाता है। रोम के अलावा कंप्यूटर में रैम  और सैकंडरी मेमोरी का भी उपयोग किया जाता है। रैम जिसे रैंडम एक्सेस मेमोरी कहा जाता है, ये कंप्यूटर की टेंपरेरी मेमोरी होती है क्योंकि कंप्यूटर को बंद करने पर इसमें स्टोर डेटा नष्ट हो जाता है।




 इसीलिए इसे बोलेटाल मेमोरी भी कहा जाता है। रैम और रोम ये दोनों मेमोरी कंप्यूटर की मेन मेमोरी होती है और सैकंडरी मेमोरी कंप्यूटर की एक्सटर्नल मेमोरी होती है। सेकेंडरी मेमोरी में स्टोर किए गए डेटा भी परमानेंट होकर रहते हैं। सैकंडरी मेमोरी के डेटा स्टोरेज कपैसिटी मेन मेमोरी की तुलना में बहुत अधिक होती है। हार्ड डिस्क, सीडी ड्राइव, डीवीसी पेन ड्राइव ये सभी सैकंडरी मेमोरी होती है जिसका इस्तेमाल आज कल हर कोई करता है एक्स्ट्रा डेटा स्टोर करने के लिए।



रोम कैसे काम करता है?


रोम एक चिप के आकार की होती है जो कि मदर बोर्ड और सीपीयू से जुड़ी हुई रहती है। रोम का कार्य एक स्टोरेज के रूप में किया जाता है जिसके अंदर हम कुछ भी डेटा सेव कर सकते हैं, जैसे कि सॉफ्टवेयर ऐप्लिकेशन , डॉक्यूमेंट्स, ऑडियो और वीडियो फाइल्स रोमे एक  परमानेंट स्टोरेज डिवाइस है, जिसमें से हम कभी भी डेटा को ऐक्सेस कर सकते हैं।रोम हमारे कंप्यूटर या मोबाइल की बूट इन प्रोसेसेस और सिस्टम को स्टार्ट करने में हमारी मदद करता है। यह हमारी कंप्यूटर और मोबाइल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके बिना हम डेटा स्टोर करके नहीं रख सकते हैं। जब हम यहाँ कंप्यूटर या मोबाइल ऑन करते हैं, तब किसी सॉफ्टवेयर या एप्लिकेशन को चलाने के लिए सिस्टम रोमस ऐप्लिकेशन का डेटा ऐक्सेस करता है 



और फिर रैम  की मदद से ऐप्लिकेशनकाम करना शुरू करता है।फिर जब हम ऐप्लिकेशन को बंद कर देते हैं, तब उसका डेटा वापस से रोम में चला जाता है और रैम से डेटा खाली हो जाता है। हम जीतने भी इमेजेज वीडिओज़ और ऐप्लिकेशंस डाउनलोड और इंस्टॉल करते है। वो सभी रोम में सेव हो कर रहते हैं।





रोम कितने प्रकार का होता है?



रोम को उसके स्ट्रक्चर मैनुफैक्चर और डेटा मिटाने के अनुसार तीन हिस्सों में बांटा गया है।पी रोम, इ पी रोम और ईईपी रोम ।

1. पी  रोम -  को प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी कहा जाता है। यह एक मेमोरी चिप होती है जिसे ओटीपी यानी रोम वन टाइम प्रोग्रामेबल चिप भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें डेटा को केवल एक बार ही प्रोग्राम किया जा सकता है। उसके बाद इसमें डेटा को इरेज़ नहीं किया जा सकता। यूसर मार्केट से ब्लैक यानी खाली पी रोम खरीदता है और उसके बाद उसमें जो इन्स्ट्रक्शन डालना चाहता है।वो डाल सकता है। इस मेमोरी में छोटे छोटे फ्यूज होते हैं जिनके अंदर प्रोग्रामिंग के जरिए इन्स्ट्रक्शन डाला जाता है जिसे दोबारा अपडेट नहीं किया जा सकता पी  रोम में स्थायी रूप से डेटा को राइट करने के लिए प्रोग्रामिंग को बर्निंग कहा जाता है और इसके लिए एक विशेष मशीन की आवश्यकता होती है जिसे पी रोम बर्नर कहा जाता है। पी रोम का उपयोग डिजिटल डिवाइस में डेटा को हमेशा सुरक्षित करने के लिए किया जाता है।





2.इ पी रोम - को एलिजिबल प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी कहा जाता है। इस चिप पर स्टोर की हुई इन्फॉर्मेशन को अल्ट्रा वायलेट रेस द्वारा 40 मिनट के लिए लाइट पास किया जाता है, तब जाकर इसके मेमोरी को मिटाया जा सकता है। इस रोम की खास बात ये है कि इसे हम आसानी से इरेज भी कर सकते हैं और प्रोग्राम भी कर सकते हैं।ईपी रोम को री प्रोग्राम भी किया जा सकता है। मतलब जिसमें डेटा को इरेज करने के बाद फिर से प्रोग्राम डाले जा सकते हैं।ईपी रोम सस्ती और भरोसेमंद होती है। इ पी रोम में कुछ कमियां भी हैं जैसे कि इसमें डेटा को करने के लिए बिजली की खपत ज्यादा होती है। इसमें डेटा को मिटाने या दोबारा प्रोग्राम शुरू करने के लिए इसे कंप्यूटर से निकाल ना पड़ता है। जब हम अल्ट्रावायलेट रेज की मदद से डेटा को डिलीट करते हैं तो इसमें चिप का पूरा डेटा डिलीट हो जाता है। 





3.फ्लैश मेमोरी फ्लैश मेमोरी फ्लैश इ इ पी रोम को इलेक्ट्रिकली इरेज़ इबल प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी कहा जाता है। ये एक अन चेंजिंग मेमोरी यानी अपरिवर्तनशील मेमोरी है क्योंकि इसमें भी डेटा को स्थायी रूप से स्टोर किया जाता है। फ्लैश मेमोरी को इलेक्ट्रिकल सिग्नल यानी बिजली की मदद से इसके स्थाई डेटा को हटाया जा सकता है।इस प्रकार की मेमोरी का उपयोग डिजिटल कैमरा और एम पी थ्री प्लेयर में होता है। ईपी रोम को हाइब्रिड मेमोरी भी कहा जाता है क्योंकि ये रैम के समान डेटा को रीड और राइट करता है लेकिन रोम के सामान डेटा को स्टोर करके रखता है। ये रैम  और रोम  दोनों का एक मिश्रण है। इ पी रोम की तरह है। इस रोम को डेटा को मिटाने के लिए कंप्यूटर से बाहर निकालना पड़ता है और साथ ही इसमें हम चुने हुए डेटा को भी डिलीट कर सकते हैं।जो की हम इ पी रोम में नहीं कर पा रहे थे क्योंकि वहाँ पर पूरा चिपका डेटा डिलीट हो जाता है |

 इ इ पी  प्रोग्राम करना आसान है और इसमें अनगिनत बार रीप्रोग्राम किया जा सकता है |





रोम के फायदे क्या – क्या है?


1. सिस्टम सॉफ्टवेयर या फर्मवेयर सॉफ्टवेर को स्टोर करने के लिए किया जाता है। 


2. रोम से रैम से बहुत सस्ता होता है और इसके मुकाबले काफी ज्यादा साइज में भी उपलब्ध रहता है। 


3.रोम का डेटा अपने आप नहीं बदलता  इसमें सिर्फ डेटा को रीड किया जा सकता है। अगर हम चाहे तो इसमें कोई नया डेटा जोड़ नहीं सकते क्योंकि इसमें डेवलपर्स या प्रोग्रामर द्वारा एक ही बार डेटा को राइट किया जाता है। 


4. रोम नॉन  वोलाटाइल  प्रकृति का है जो कि प्रोग्राम को स्थायी बनाए रखता है।जिससे की कंप्यूटर के बंद होने से भी हमारा डेटा सुरक्षित और एक लंबे समय तक बना रहता है। 


5.रोम कंप्यूटर के दूसरे मेमोरी रैम से अधिक भरोसेमंद है क्योंकि रैम  में डेटा तब तक रहता है जब तक कंप्यूटर में पावर सप्लाई रहती है।


6. रोम में बहुत ही सोच समझकर प्रोग्राम या इन्स्ट्रक्शन्स डाले जाते हैं क्योंकि इससे हम बार बार नहीं बदल सकते है |




Rom Kya Hai



तो दोस्तों। इस लेख में रोम क्या है? ये कैसे काम करता है और ये कितने प्रकार का होता है, इससे जुड़ी सारी जानकारी आपको मिल गयी होंगी। मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है कि हमारे लेख के जरिये आपको दिए गए विषयों पर पूरी जानकारी प्राप्त हो सके ताकि आपको कहीं और जाना पड़े। इस लेख से जुड़े कोई भी परेशानी हो तो आप हमें नीचे कमेंट में जरूर बता सकते हैं।ताकि हम आपकी परेशानी को जल्द से जल्द दूर कर सके |

धन्यवाद | 


Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.