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Linux Kya Hai

 Linux Kya Hai |लिनक्स को किसने और कब बनाया था | लिनक्स के कितने कॉम्पोनेंट्स होते हैं |लिनक्स के बेहतरीन फीचर्स क्या है ?

Linux Kya Hai


Linux Kya Hai


जैसा कि आप सभी जानते हैं कि आज का समय तकनीकी क्रांति का है। बाजार में रोज़ ही नए नए गैजेट्स या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस रही है। इससे हमारी लाइफ स्टाइल काफी प्रभावित हुई हैं। लोक संचार और रोजगार सभी के लिए गैजेट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। हम ये बात आपको भी नहीं जुटा सकते की इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की बदौलत ही नए रेवोल्यूशन का उदय हुआ है।और हम नयी नयी चीजों से परिचित हुए हैं। ये जो गैजेट्स होते हैं ये मिनी कंप्यूटर्स की तरह होते हैं जिनमें कुछ विशेष प्रोग्राम्स यानी सेट ऑफ इन्स्ट्रक्शन्स डाले जाते हैं कि वो डिवाइस कैसे काम करेगा और इन प्रोग्राम्स को काम में लाने के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग गैजेट्स में किया जाता है। चाहे आप कोई भी गैजेट्स ले लो, स्मार्ट फ़ोन से लेकर कार तक सुपर कंप्यूटर से लेकर होम अप्लाइंस तक होम डेस्कटॉप से लेकर डेटाबेस सर्वर तक इन सभी में ऑपरेटिंग सिस्टम हर जगह मौजूद होता है।

 

 

 

डिजिटल दुनिया में बहुत से ऑपरेटिंग सिस्टम उपलब्ध हैं, जैसे ऐन्ड्रॉइड, आइओएस, विंडोज इत्यादि। इन सभी ऑपरेटिंग सिस्टम के अलावा एक और ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसका इस्तेमाल ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में किया जाता है।और उस ओएस  का नाम है लिनक्स।हमें भले ही इसके बारे में जानकारी नहीं है लेकिन हम इसका इस्तेमाल हमेशा कर रहे हैं। लिनक्स को बने हुए करीब 30 साल से भी ज्यादा हो चूके हैं। 1990 के मध्य से ही ये हमारे बीच सबसे पहले आया और तब से ही इसकी उपयोगिता के कारण यह प्राइस सभी डिवाइस में राज़ कर रहा है और आगे भी करता रहेगा।ज्यादातर लोगों को लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं है। इसीलिए आपको  इस लेख में लिनक्स से जुड़ी सारी जानकारी मिलेगी  | तो लेख को अंत तक जरूर पढ़ें ।

 

 

 

लिनक्स क्या है? 

 विंडोस, आईओएस और मैक ओएस की तरह लिनक्स भी एक ऑपरेटिंग सिस्टम है। ऑपरेटिंग सिस्टम एक कंप्यूटर के उपयोगकर्ता और कंप्यूटर हार्ड्वेर के बीच एक इंटरफेस होता है जिसमें यूजर  कंप्यूटर के साथ आसानी से इंटरैक्ट कर सकता है।ओएस सॉफ्टवेयर का एक संग्रह है जो कंप्यूटर हार्ड्वेर रिसोर्सेस को मैनेज करता है और कंप्यूटर के कार्यक्रम के लिए सामान्य सेवाएं प्रदान करता है। ओएस के बिना सॉफ्टवेर कार्य नहीं कर सकते। लिनक्स सबसे लोकप्रिय और मल्टी ऑपरेटिंग सिस्टम है, जो आपके डेस्कटॉप और लैपटॉप से जुड़े सभी हार्ड्वेर रिसोर्सेस को मैनेज करता है।

 

 

 

लिनक्स यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का एक बहुत ही मशहूर वर्जन है। यह एक फ्री तथा ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर है, जिसका मतलब है कि एक डेवलपर इंटरनेट पर मुफ्त में लिनक्स कोडिंग को अपने अनुसार मॉडिफाई कर कमर्शियल तथा पर्सनल उपयोग में ले सकता है। लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम को वास्तविक रूप से पर्सनल कंप्यूटर के लिए विकसित किया गया था।लेकिन बाद में इस ऑपरेटिंग सिस्टम से अनेक प्लैटफॉर्म जैसे मोबाइल, स्मार्ट टीवी, गेमिंग, कॉन्सोल यहाँ तक वाहनों में भी इस ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है। लिनक्स यूनिक्स की तरह ही मिलता जुलता ऑपरेटिंग सिस्टम है और इसका इस्तेमाल सर्वर तथा कंप्यूटर सिस्टम डिवाइस में सबसे अधिक होता है।

 

 

 

लिनक्स को किसने और कब बनाया था ?

 

 लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम को लिनस तोर  वेल्स ने सन् 1991 में विकसित किया और ये एटी एस टीएस  लैबोरेटरीज द्वारा जनरल पब्लिक लाइसेंस जीपीऐल के तहत जारी किया गया। जब लिनक्स  यूनिवर्सिटी ऑफ हेलसिंकी  के छात्र थे, तब वे यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का वर्जन मिनिक्स नामक ओएस का उपयोग कर रहे थे। जब लिनक्स और कुछ यूजर  ने ये पाया कि लिनक्स  में कुछ बदलाव करने पर यह ओएस और भी बेहतर तरीके से काम कर सकता है। तब उन्होंने इसके निर्माता एंड्रू टेन्ट बांड से मिनिक्स में मॉडिफिकेशन और सुधार करने का अनुरोध किया कि यह बदलाव आवश्यक नहीं है और उन्होंने इसमें बदलाव नहीं किया।

 

 

 

यही वो समय था जब लिनस  ने अपना ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने का फैसला किया, जो उपयोगकर्ता के कॉमेंट्स और सुधारों के सुझाव को ध्यान में रखेगा। लिनस सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के छात्र थे तो उसने सी लैंग्वेज में कोड लिखना शुरू किया। लिनक्स ओएस का कोड लगभग पचानवे प्रतिशत सी में लिखा गया और बाकी की कोडिंग उन्होंने असेम्ब्ली लैंग्वेज।और अन्य लैंग्वेजेस में लिखा, कोडिंग तैयार करने के बाद लिनस ने उस ऑपरेटिंग सिस्टम का नाम, अपने पहले नाम और यूनिक्स के नाम को जोड़कर लिनक्स नाम रखा। लिनक्स को यूनिक्स के अनुकूल डिजाइन किया गया था। इसीलिए बहुत सी फंक्शनैलिटी, यूनिक्स से मिलती जुलती है।

 

 

 

लिनक्स और यूनिक्स कई मायनों में सामान, लेकिन यूनिक्स फ्री नहीं जबकि लिनक्स फ्री में उपलब्ध होता है। इसके अलावा लिनक्स कंप्यूटर्स के लिए बहुत ही भरोसेमंद ऑपरेटिंग सिस्टम है क्योंकि यह अच्छे सेक्युरिटी प्रदान करता है जो यूजर  के फाइल और डेटा को इनक्रिप्टेड फॉर्म में रखने की सुविधा देता है। जैसे पासवर्ड, प्रोडक्शन और कंट्रोल ऐक्सिस |

 

 

 

लिनक्स के कितने कॉम्पोनेंट्स होते हैं?

 

 

लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के तीन मुख्य कॉम्पोनेंट्स है हार्डवेयर , कार्नेल  या शेल और सिस्टम यूटिलिटी इनका काम किया है और यह लिनक्स के लिए महत्वपूर्ण क्यों होते हैं |

 

हार्डवेयर

हार्डवेयर की सबसे पहला कॉम्पोनेंट है हार्ड्वेर जिसमें पेरिफेरल डिवाइस जैसे की रैंम , हार्ड डिस्क ड्राइव और सीपीयू मिलकर लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए हार्डवेयर लेयर का निर्माण करते हैं।

 

कार्नेल  

 

कार्नेल  लिनक्स का मुख्य भाग होता है ये  इस ऑपरेटिंग सिस्टम की सभी प्रमुख विधियों के लिए जिम्मेदार होता है। ये इंटरनल हार्ड्वेर के साथ सीधा इंटरैक्ट करता है। कर्नल सिस्टम या ऐप्लिकेशन प्रोग्राम में हार्ड्वेर के लोअर लेवल डिटेल्स को छिपाने की सेवाएं प्रदान करता है।

 

 

शेल -

 

उपयोगकर्ता और कर्नल के बीच एक इंटरफेस है ये उपयोगकर्ता से कर्नल के कार्यों की कॉम्प्लैक्सिटी को छुपाता है।ये उपयोगकर्ता के कमांड को स्वीकार करता है और उसपर ऐक्शन भी लेता है |

 

सिस्टम यूटिलिटी -

 

सिस्टम यूटिलिटी यूजर  को ऑपरेटिंग सिस्टम के तरह के फंक्शन्स का उपयोग करने के लिए सेवाएं प्रदान करती है। व्यक्तिगत और विशेष कार्यों का उपयोग सिस्टम यूटिलिटी के जरिए ही किया जा सकता है।

 

 

 

लिनक्स के बेहतरीन फीचर्स क्या है ? 

 

लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम दूसरे ओएस से  काफी बेहतर है।और इसके बहुत सारे फीचर है लेकिन हम यहाँ पर कुछ ही विशेषताएं के बारे में बताएंगे जिनके बारे में आप सभी को जानना चाहिए।

 

·         1.लिनक्स एक ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम है जिससे कि यह इंटरनेट पर इस्तेमाल करने के लिए बिल्कुल मुफ्त में उपलब्ध है, जिसे कोई भी यूजर  या डेवलपर्स अपने हिसाब से उसमें बदलाव कर सकता है। इसके जरिए हम इस ओएस यूनिटी बढ़ाकर इसको और अच्छा बना सकते हैं।

 

·         2.लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम में पोर्टेबिलिटी मुख्य विशेषताएं में से एक है जिसने लिनक्स को इसके यू सर के बीच इतना लोकप्रिय बना दिया। लेकिन पोर्टेबिलिटी का मतलब ये नहीं की ये सिस्टम फाइल के आकार में छोटा है और इसे पेन ड्राइव, सीडी और मेमोरी कार्ड पर ले जाया जा सकता है यही नहीं इसके बजाय यहाँ पोर्टेबिलिटी का मतलब है कि लिनक्स, पूअर्स और इसके ऐप्लिकेशन एक ही तरह से विभिन्न प्रकार के हार्ड्वेर पर काम कर सकते हैं। लिनक्स, कर्नेल  और ऐप्लिकेशन प्रोग्राम बहुत कम से कम हार्डवेयर कॉन्फ़िगरेशन पर भी अपनी स्थापना का समर्थन करते हैं, जिससे आप अपने पुराने कंप्यूटर्स में भी जान डाल सकते है।

 

·         3.  लिनक्स एक मल्टी यूजर  और मल्टी प्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसमें  एक साथ एक से ज़्यादा यू सर कंप्यूटर के हार्डवेयर को एक्सेस कर सकते हैं और इस्तेमाल कर सकते हैं।

 

·         4.लिनक्स में मल्टीटास्किंग का फीचर भी उपलब्ध है जिससे कि एक यूजर  एक ही समय में एक से ज्यादा प्रोग्राम्स, टास्क या सॉफ्टवेयर को रन कर सकता है। अंत में है कि सुरक्षा किसी भी ओएस का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।उन संगठनों या उपयोगकर्ता के लिए जो अपने गोपनीय कार्यों के लिए सिस्टम का उपयोग कर रहे हैं लिनक्स अपने उपयोगकर्ताओं को उनके डेटा और सिस्टम को अनऑथोराइज्ड बचाने के लिए सेक्युरिटी कॉन्सेप्ट्स प्रदान करता है।

 

 

 यह पूरी तरह से संकटमुक्त ऑपरेटिंग सिस्टम है और इसमें वायरस या मालवेयर जैसे कोई भी समस्या है मौजूद नहीं होती है जो आपके कंप्यूटर की गति को धीमा कर दे दुनिया भर में हजारों कंपनियां और सरकारी लिनक्स ओएस का उपयोग इसके पोर्टेबिलिटी लो कॉस्ट लाइसेंस और समय और धन के कारण कर रहे हैं। गूगल ऐमजॉन,फेसबुक जैसी कंपनियां अपने सर्वर की सुरक्षा के लिए लिनक्स का उपयोग करती है क्योंकि ये अत्यधिक विश्वसनीय और स्थिर है। ओएस है लिनक्स का इस्तेमाल केवल पर्सनल कम्प्यूटर्स, लैपटॉप्स और क्रू बुक्स में ही नहीं बल्कि छोटे गैजेट्स जैसे की  मोबाइल फ़ोन, स्मार्ट वॉच, डिजिटल स्टोरेज डिवाइस, कैमरास आदि में भी किया जाता है।लिनक्स का इस्तेमाल बहुत से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस में किया जाता है जैसे डेल, लैपटॉप, गूगल, एंड्रॉयड फ़ोन, एचपी, लैपटॉप, लेनोवो लैपटॉप, मोटोरोला फ़ोन, सोनी ब्रावो या टीवी, सोनी रीडर इत्यादि।

 

 

 

 

तो दोस्तों, मुझे उम्मीद है कि इस इस लेख में आपको लिनक्स क्या है और इसके क्या क्या विशेषताएं हैं, जिसके लिए यह लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम बन गया है? इसकी जानकारी आपको मिल गयी होगी। लिनक्स सबसे प्रसिद्ध और सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम है, जिसे इस्तेमाल करने के लिए कोई भी शुल्क देना नहीं पड़ता और अपने मन मुताबिक इसमें बदलाव कर व्यापार के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है कि हमारे लेख के जरिए आपको दिए गए विषय पर पूरी जानकारी प्राप्त हो सके ताकि आपको कहीं और जाना पड़े। इस लेख से जुड़ी कोई भी परेशानी हो तो आप हमें नीचे कमेंट में बता सकते है ताकि हम आपकी परेशानी को जल्द से जल्द दूर कर सकें।

धन्यवाद।

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